जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
अम्बे माँ तू बड़ी प्यारी है (Ambe Maa Tu Badi Pyari Hai)

अम्बे माँ तू बड़ी प्यारी है,
दुर्गे माँ तू जग से न्यारी है,
तेरी सूरत मेरे मन में बस गयी है,
अम्बे माँ तू बड़ी प्यारी है…

इतना दिया है तूने मुझको,
माँ तेरा शुकर मनाता हूँ,
तेरी ममता की छाया में,
जीवन का सुख पाता हूँ,
तेरी सूरत मेरे मन में बस गई है,
अम्बे माँ तू बड़ी प्यारी है…

दुर्गे माँ तू जग से न्यारी है,
तेरी सूरत मेरे मन में बस गयी है,
अम्बे माँ तू बड़ी प्यारी है,
दुर्गे माँ तू जग से न्यारी हैं…

अम्बे माँ ओ माता रानी माँ,
तू अपने भक्तो की रक्षा करती है,
उसकी दया से अंधियारे में भी,
नयी रौशनी खिलती है,
माँ के नाम से काम करू तो,
शक्ति मुझको मिलती है,
चमत्कार करती है माँ,
और काम मेरा हो जाता है,
अम्बे माँ के जैसा कोई ना दूजा रे,
अम्बे माँ, तू बड़ी प्यारी है…

दुर्गे माँ तू जग से न्यारी है,
तेरी सूरत मेरे मन में बस गयी है,
अम्बे माँ, तू बड़ी प्यारी है,
दुर्गे माँ तू जग से न्यारी हैं…

आजा माँ मेरे जगराते में,
पुकारे सब मिल करके,
की ज्योत जलाते है,
तेरी पूजा तेरी भक्ति,
करके माँ तुझको बुलाते है,
अपना दर्श दिखा दे माता,
चरणों में सर को झुकाते है,
आ साचे दरबार में माता,
चौकी तेरी सजाते है,
तेरी भक्ति की लौ मेरे मन में,
जल गयी रे,
अम्बे माँ, तू बड़ी प्यारी है,
दुर्गे माँ तू जग से न्यारी है…