|
दयालु विश्वनाथ दीन हीन पर दया करो लिरिक्स | Dayalu Vishwanath Deen Heen Par Daya Karo Lyrics
अहो उमापति अधीर भक्त की व्यथा हरो,
दयालु विश्वनाथ दीन हीन पर दया करो,
अहो उमापति अधीर भक्त की व्यथा हरो…
तुम्ही अशक्त के लिए समर्थ हो उधार हो,
तुम्ही अनाधि काल से अंनत हो आपर हो,
तुम्ही अथा हसा श्रृष्टि सिन्धु मध्य कर्ण भार हो,
तुम्ही करो सहाय तो शरीर नाव पार हो,
प्रभु अदीन मलिन के पाप चित न धरो,
दयालु विश्वनाथ दीन-हीन….
अनेक पाप की सदा अशुद्ध कर्म को किये,
परन्तु एक बार शम्भु नाम प्रेम से लिए,
गए समाप्त शम्भु धान ध्यान श्मभु में दिए,
अनाथ के नीच कर्म नाथ के लेक में दिए,
अते वे स्वामी बिंदु बुधी राम भगती से भरो,
दयालु विश्वनाथ दीन-हीन….. |
|
|
|