|
जय हो बाबा अमरनाथ लिरिक्स | Jai Ho Baba Amarnath Lyrics
जय हो बाबा अमरनाथ जय हो अमरनाथ बर्फानी,
भूखे को भोजन देते है और प्यासे को पानी,
उच्चे उच्चे पर्वत चढ़के खाटी खाटी खाये,
जपलो ॐ नामय शिवाय…
अमरनाथ बाबा की दूर है नगरियां,
उचे उचे पर्वतो की कठिन है डगरियाँ,
ठंडी ठंडी चले हवाएं बर्फीली तूफानी,
फिर भी चल के आते है जिसने मन में ठानी,
जो भोले के द्वारे आये वो काहे दुःख पाए,
जपलो ॐ नामय शिवाय…
एक बर्ष में दर्शन एक बार होते है,
बर्फ का सवर्रोप लेके साकार होते है,
भगतो को भगवान है प्यार प्रीत की रीत निभाओ,
दर्शन करलो शम्भू के हर हर बम बम गाओ,
बार बार वो आना चाहे एक बार जो आये,
जपलो ॐ नामय शिवाय…
सावन की पूर्णिमा को दर्शन जो पता हैम
अमरनाथ बाबा से मुँह माँगा पता है,
उसके दुःख की रात बिट्टी आती भोर सुहानी,
ना भोले सा दाता कोई न भोले सा दानी,
किस्मत वाला है वोह लाख भोले जिसे भुलाये,
जपलो ॐ नामय शिवाय… |
|
|
|