जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊँ कैसे (Meri Ruth Gayi Maa Kaali ko Manau Kaise Lyrics)

मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊँ कैसे लिरिक्स - How can I convince my angry mother Kali?

मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊँ कैसे,
मनाऊँ कैसे, रिझाऊँ कैसे,
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊं कैसे

आस पास कही डेरा नहीं है,
डेरा नहीं है, कही डेरा नहीं है,
दूर कलकाता मैं जाऊं कैसे,
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊं कैसे

फूलों की माता माँ को भाती नहीं है,
भाती नहीं है, माँ को भाती नहीं है,
मुंडो की माला मैं लाऊं कैसे
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊं कैसे

लाल पीली चुनरी माँ को भाती नहीं है,
भाती नहीं है, माँ को भाती नहीं है,
काली चुनरिया मैं लाऊं कैसे,
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊं कैसे

गंगा का पानी माँ को अच्छा नहीं लगता,
अच्छा नहीं लगता, माँ को अच्छा नहीं लगता,
मदिरा का पान कराऊ कैसे,
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊं कैसे

नारियल की भेंट माँ को भाती नहीं है,
भाती नहीं है, माँ को भाती नहीं है,
बकरे की भेट चढ़ाऊं कैसे,
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊं कैसे

मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊँ कैसे,
मनाऊँ कैसे, रिझाऊँ कैसे,
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊं कैसे