जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परब्रह्म रूपिणी माते महालक्ष्मी आरती (Parbramh Rupini Mate Mahalakshmi Aarti Lyrics)

परब्रह्म रूपिणी माते महालक्ष्मी आरती लिरिक्स - Parabrahma Rupini Mata Mahalakshmi Aarti

परब्रह्म रूपिणी माते
महालक्ष्मी जय जय जय

सुखकारिणी भव दुु: ख निवारिणी
पाप नाशिनी जय जय जय
परब्रह्म रूपिणी माते
महालक्ष्मी जय जय जय

ब्रह्मादिक तुज ध्याती
गुण संकिर्तन करिती
सुरवर अवघे संकट काळी
तुझ्याच नामे तरती
भक्तजना वर निज छाया धरी
हे भुवनेश्वरी जय जय जय
परब्रह्म रूपिणी माते
महालक्ष्मी जय जय जय

रत्नमण्यांची कांती
राजस वदना वरती
गरुडारूढ जगन्मातेची
भव्य शोभते मूर्ति
बैस येऊनी ह्रदय आसनी
हे जग जननी जय जय जय
परब्रह्म रूपिणी माते
महालक्ष्मी जय जय जय

प्रणव रूपिणी जय जय जय
त्रिपुरसुंदरी जय जय जय
मूलाधारनिवासिनी जय
महालक्ष्मी जय जय जय
महालक्ष्मी जय जय जय
महालक्ष्मी जय जय जय