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परब्रह्म रूपिणी माते महालक्ष्मी आरती लिरिक्स - Parabrahma Rupini Mata Mahalakshmi Aarti
परब्रह्म रूपिणी माते
महालक्ष्मी जय जय जय
सुखकारिणी भव दुु: ख निवारिणी
पाप नाशिनी जय जय जय
परब्रह्म रूपिणी माते
महालक्ष्मी जय जय जय
ब्रह्मादिक तुज ध्याती
गुण संकिर्तन करिती
सुरवर अवघे संकट काळी
तुझ्याच नामे तरती
भक्तजना वर निज छाया धरी
हे भुवनेश्वरी जय जय जय
परब्रह्म रूपिणी माते
महालक्ष्मी जय जय जय
रत्नमण्यांची कांती
राजस वदना वरती
गरुडारूढ जगन्मातेची
भव्य शोभते मूर्ति
बैस येऊनी ह्रदय आसनी
हे जग जननी जय जय जय
परब्रह्म रूपिणी माते
महालक्ष्मी जय जय जय
प्रणव रूपिणी जय जय जय
त्रिपुरसुंदरी जय जय जय
मूलाधारनिवासिनी जय
महालक्ष्मी जय जय जय
महालक्ष्मी जय जय जय
महालक्ष्मी जय जय जय |
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