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सजा दो घर को गुलशन सा अवध में राम आये हैं लिरिक्स - Decorate the house like Gulshan, Ram has come to Awadh
सजा दो घर को गुलशन सा
अवध में राम आये हैं
मेरे सरकार आये हैं
अवध में राम आये हैं
मेरे सरकार आये हैं
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
अवध में राम आये हैं
सजा दो घर को गुलशन सा
अवध में राम आये हैं....
पखारो इनके चरणों को
बहा कर प्रेम की गंगा
बिछा दो अपनी पलकों को
अवध में राम आये हैं
सजा दो घर को गुलशन सा
अवध में राम आये हैं.....
तेरी आहट से हैं वाकिफ़
नहीं चेहरे की है दरकार
बिना देखे ही कह देंगे
लो आ गए हैं मेरे सरकार
बिना देखे ही कह देंगे
लो आ गए हैं मेरे सरकार
दुआओं का हुआ है असर
अवध में राम आये हैं
सजा दो घर को गुलशन सा
अवध में राम आये हैं.....
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
अवध में राम आये हैं
सजा दो घर को गुलशन सा
अवध में राम आये हैं
मेरे सरकार आये हैं
अवध में राम आये हैं |
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