जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
सावन की रुत है आजा माँ हम झूला तुझे झुलाएंगे भजन (Sawan Ki Rut Hai Aaja Ma Hum Jhula Tujhe Jhulayenge Bhajan Lyrics)

सावन की रुत है आजा माँ हम झूला तुझे झुलाएंगे भजन लिरिक्स - It's the season of monsoon, come mother, we will swing you on a swing, bhajan

सावन की रुत है आजा माँ,
हम झूला तुझे झुलाएंगे ,
फूलो से सजाएंगे तुझको
मेहँदी हाथो में लगाएंगे,

कोई भेट करे गा चुनरी
कोई पहनायेगा चूड़ी,
माथे पे लगाएगा माँ
कोई भक्त तिलक सिंदूरी,
कोई लिए खड़ा है पायल
लाया है कोई कंगना,
जिन राहो से आएंगे
माँ तू भक्तो के अंगना,
हम पलके वहा बिछायेंगे,
सावन की रुत है आजा माँ...

माँ अम्बा की डाली पे
झूला भक्तो ने सजाया,
चन्दन की विशाई चौंकी
श्रदा से तुझे भुलाया,
अब छोड़ दे आँख मिचोली
आजा ओ मैया भोली,
हम तरस रहे है कब से
सुन ने को तेरी बोली,
सावन की रुत है आजा माँ...

लाखो हो रूप माँ तेरे
चाहे जिस रूप में आजा,
नैनो की प्यास भुजा जा
बस इक झलक दिखला जा,
झूले पे तुझे बिठा के
तुझे दिल का हाल सुना के,
फिर मेवे और मिश्री का
तुझे प्रेम से भोग लगा के,
तेरे भवन पे छोड़ के आएंगे ,
सावन की रुत है आजा माँ...