जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
बादशाह और माली (Baadashaah Aur Maalee)

बादशाह और माली | the king and the gardener


फारस देश का बादशाह नोंशेरवा अपनी न्यायप्रियता के लिए बहुत प्रसिद्ध हो गया था ।

वह बहुत धनी भी था।

एक दिन वह अपने मंत्रियों के साथ घूमने निकला ।

उसने देखा कि एक बगीचे में एक बहुत बूढ़ा माली अखरोट के पेड़ लगा रहा है।

बादशाह उस बगीचे में गया उसने मालि से पूछा – ” तुम यहां नौकर हो या यह तुम्हारा ही बगीचा है ?”

माली – ” मैं नौकरी नहीं करता | यह बगीचा मेरे ही बाप-दादों का लगाया है ।


बादशाह – ” तुम यह अखरोट के पेड़ लगा रहे हो | क्या तुम समझते हो कि इनका फल खाने के लिए तुम जीवित रहोगे ।


” अखरोट का पेड़ लगाने के बीस बरस बाद फलता है| यह बात प्रसिद्ध है ।


बूढ़े माली ने बादशाह की बात सुनकर कहा – ” मैं अब तक दूसरों के लगाए पेड़ों के बहुत फल खा चुका हूं।

इसलिए मुझे भी दूसरों के लिए पेड़ लगाने चाहिए ।

अपने फल खाने की आशा से ही पेड़ लगाना तो स्वार्थपरता है।

बादशाह माली के उत्तर से बहुत प्रसन्न हुए।

उसने उसे पुरस्कार में दो अशरफिया दी।