जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
दिमाग का इस्तेमाल कर पक्ष में करें परिस्थितियाँ (Dimaag Ka Istemaal Kar Paksh Mein Karen Paristhitiyaan)

एक शेर जंगल में शिकार पर निकला था। एक लोमड़ी अचानक उसके सामने आ गयी। लोमड़ी को लगा कि अब उसे कोई नहीं बचा सकता है, लेकिन उसने हार नहीं मानी और अपनी जान बचने के लिए एक तरकीब सोची।

लोमड़ी ने शेर से कड़े शब्दों में कहा - तुम्हारे पास इतनी ताकत नहीं कि मुझे मार सको। यह सुनकर शेर थोड़ा अचंभित हुआ।

उसने पूछा - तुम ऐसा कैसे कह सकती हो ? लोमड़ी ने अपनी आवाज और ऊँची करते हुए बोली - मैं तुम्हें सच बता देती हूँ। ईश्वर ने स्वयं मुझे इस जंगल और जंगल में रहने वाले सभी जानवरों का राजा बनाया है।

यदि तुमने मुझे मारा तो यह ईश्वर के विरुद्ध होगा और तुम भी मर जाओगे। कुछ देर चुप रहने के बाद लोमड़ी ने कहा - अगर विश्वास नहीं हो रहा है तो तुम मेरे साथ जंगल घूमने चलो। तुम मेरे पीछे चलना और देखना कि जंगल के जानवर मुझसे कितना डरते हैं।

शेर इसके लिए तैयार हो गया। लोमड़ी निडर होकर शेर के आगे-आगे चलने लगी। लोमड़ी के पीछे शेर को चलते देख कर जंगल के दूसरे जानवर डर कर भाग गये।

कुछ देर जंगल में घूमने के बाद लोमड़ी ने शेर से सवाल किया - क्या तुम्हें मेरी बात पर विश्वास हुआ ? कुछ देर चुप रहने के बाद शेर ने कहा - तुम ठीक कहती हो। जंगल की राजा तुम्हीं है।

परिस्थितियाँ कितनी भी विपरीत क्यों न हो हम अपने दिमाग का इस्तेमाल कर उसे अपने पक्ष में कर सकते हैं। हमारा दिमाग प्रोग्राम के आधार पर काम करने वाला कंप्यूटर नहीं है।

दिमाग को आउट ऑफ़ बॉक्स सोचने की क्षमता है। हर समस्या का समाधान तलाशने की ताकत है, यह तभी संभव होगा जब हूँ विपरीत परिस्थितियाँ में भी अपना धैर्य बरकरार रखेंगे।