जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
दो मित्र की कहानी (Do Mitr Kee Kahaanee)

दो मित्र की कहानी - story of two friends

एक बार की बात है। दो बाइकर दोस्तों ने घूमने जाने का प्लान बनाया और अपनी अपनी बाइक लेकर घूमने के लिए निकल गए।

लंबा सफ़र तय करने के बाद वे एक समुद्र के किनारे पहुंचे। समुद्र के किनारे टहलते हुए किसी बात पर एक दोस्त को गुस्सा आ गया और उसने दूसरे दोस्त को थप्पड़ मार दिया। तब दूसरे दोस्त ने रेत पर लिखा – ‘आज मेरे दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा।’

वहां से फिर वे दोनों अपनी अपनी बाइक लेकर आगे के सफ़र पर निकल गए। लंबा सफ़र तय करने के बाद वे एक पहाड़ी इलाके में पहुंचे। अचानक वहां के संकरे रास्ते से फिसलकर दूसरे दोस्त की बाइक खाई में गिरने लगी। तब पहले दोस्त ने उसकी जान बचाई।

उस समय दूसरे दोस्त ने पत्थर से खुरचकर एक चट्टान पर लिखा – ‘आज मेरे दोस्त ने मेरी जान बचाई।’

पहला दोस्त हैरान हुआ। उसने दूसरे दोस्त से पूछा, “जब मैंने तुम्हें थप्पड़ मारा, तब तुमने रेत पर लिखा और जब मैंने तुम्हें बचाया, तब तुमने चट्टान पर लिखा। ऐसा क्यों?”

दूसरा दोस्त बोला, “ऐसा इसलिए, क्योंकि मैं बुरी याद जल्द से जल्द अपने दिल से मिटा देना चाहता हूं। लेकिन अच्छी याद हमेशा अपने दिल में संजोकर रखना चाहता हूं।”

पहले दोस्त ने दूसरे दोस्त को गले से लगा लिया।

सीख:- बुरी यादें भूल जाइए। अच्छी यादें याद रखिए और किसी का एहसान कभी मत भूलिए।