जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
दूसरों की मदद कीजिये (Doosaron Kee Madad Keejiye)

दूसरों की मदद कीजिये : help others

अजीत आज बहुत खुश था। बहुत दिनों बाद दिवाली की वजह से ऑफिस से 3 दिन की छुट्टी मिली थी। अजीत ने परिवार सहित कहीं बाहर खाने का प्लान बनाया। धर्मपत्नी ने भी घर का सारा काम काज आज जल्दी ख़त्म कर लिया और बेटे को भी तैयार कर दिया। घर में एक कार थी, यूँ तो पुरानी थी पर अजीत अपनी तनख्वा में नई ले भी नहीं सकता था।

तीनों लोग कार में बैठ कर फूले ना समा रहे थे, आखिर बड़े दिनों के बाद कहीं साथ साथ घूमने जो जा रहे थे। अजीत ने एक Hotel के पास गाड़ी रोकी। सारे लोग Hotel के अंदर जाकर बैठ गए। Waiter खाने का आर्डर लेने आया, अजीत ने ऐसे ही खिड़की से बाहर झाँक कर देखा, तुरंत वो उछलकर बाहर की ओर भागा और पीछे पीछे श्रीमती भी भागती नजर आई।

वहाँ बैठी एक वृद्ध महिला ये सब देख रही थी, वो भी भागकर बाहर गयी कि आखिर हुआ क्या?

बाहर जाकर देखा तो अजीत की कार को गलत जगह खड़ी करने की वजह से पुलिस ने ट्रक में डाल लिया और लेकर जाने लगे। अब बेचारा अजीत बार बार अपने किसी जानकर को फोन लगा रहा था, लेकिन शायद बात नहीं हो पा रही थी। सारी ख़ुशी का माहौल टेंशन में बदल गया जो अजीत और उसकी पत्नी के चेहरे पे साफ़ देखी जा सकती थी।

बूढ़ी औरत ने कुछ सोचकर पुलिस वालों से पूछा कि इस कार को वापस देने का कितना पैसा लोगे? पुलिस वाला रौब दिखाकर बोला- यहाँ गाड़ी लगाना सख्त माना है फिर भी पता नहीं जाहिल लोग यहाँ क्यों लगाते हैं? पूरे 8000 rs. लगेंगे। बूढ़ी औरत वापस होटल में गयी और अपना पर्स लेकर आई और 8000 rs. निकाल कर पुलिस वाले को दे दिए।

अजीत तो जैसे निरुत्तर और अवाक् हो गया, उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि उस औरत का कैसे धन्यवाद दे। अजीत उस औरत से बोला- आँटी मैं आपको पैसे नहीं दे सकता, मेरी समझ में नहीं आ रहा कि आपका अहसान कैसे उतार पाउँगा? बूढ़ी महिला ने कहा- मैंने कोई अहसान नहीं किया है, और तुम्हें कुछ करने की जरुरत नहीं है बस एक वादा करो कि कभी किसी परेशान देखो तो उसकी मदद करने पीछे मत हटना।

ये सुनकर जैसे अजीत का मन ही बदल गया सोचा मैं दिन भर लोगों की कमियाँ ही गिनता रहता हूँ, मैंने कभी किसी की मदद करने सोचा ही नहीं।

मित्रों, मेरा निवेदन है कि इस कहानी को सिर्फ कहानी की तरह मत पढ़ना, इसको feel करना।

♦ कितना अच्छा लगता है जब हमारी वजह से किसी के चेहरे पे मुस्कान आती है।
♦ कितना अच्छा लगता है जब कोई हमारे अच्छे काम लिए धन्यवाद देता है।
♦ कितना अच्छा लगता है जब कोई कहता है कि भगवान तुम्हारा भला करे।
♦ कितना अच्छा लगता है जब कोई हमारी मदद को आगे आता है।

मित्रों लोगों की मदद करिये, यकीन मानिये इससे आपको भी ख़ुशी मिलेगी।