एक महात्मा की बात - talk of a Mahatma
बगैर इजाजत के कोई आपको हीन महसूस नहीं करा सकता, आईये इस कहानी के माध्यम से इस बात को समझते है ।
एक कहानी है कि प्राचीन भारत के किसी साधु महात्मा को राह चलते एक आदमी ने गालियाँ दी उस महात्मा ने बिना परेशान हुए उन बातों को तब तक सुना जब तक वह आदमी बोलते-बोलते थक न गया।
तब उन्होंने उस आदमी ने पूछा अगर किसी की दी हुई चीज़ न ली जाये तो वह चीज़ किसके पास रहेगी ?
आदमी ने जवाब दिया कि चीज देने वाले के पास ही रह जाएगी।
महात्मा ने कहा, मैं तुम्हारी इस दें को लेने से इंकार करता हूँ और वह उस आदमी को हक्का-बक्का और हैरान छोड़ कर चल दिए। उस महात्मा का खुद पर अंदरूदी कण्ट्रोल था। |