जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
गधे के साहस और हिम्मत की कहानी (Gadhe Ka Saahas Aur Himmat Kee Kahaanee)

गधे के साहस और हिम्मत की कहानी - Story of donkeys courage and courage

मित्रों कई बार हमारे जीवन ऐसा समय आता है जब हम परेशानियों से गुजर रहे होते हैं। यही वो समय है जब एक इंसान की असली परीक्षा होती है, ज्यादातर लोग अक्सर इस समय टूट जाते हैं और अपने धैर्य को खो देते हैं। लेकिन इंसान को चाहिए कि वो ऐसे समय में विवेक से काम लें, अपनी शक्तियों को ना भूलें और तनिक भी घबराएं नहीं क्यूंकि चाणक्य ने कहा है कि इंसान का साहस ऐसी चीज़ है जो हर समस्या को हरा सकता है।

एक छोटा सा प्रेरक प्रसंग है जिसे मैं यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ –

किसी जंगल में एक गधा रहता था, एक बार गधा जंगल में घास चर रहा था। अचानक वहां एक भेड़िया आता है, वो भेड़िया सोचता है कि क्यों ना आज इस गधे का शिकार किया जाये, काफी तंदरुस्त गधा है और ज्यादा मांस भी होगा, तो दो- तीन दिन का खाने का काम हो जायेगा। यही सोचकर वो गधे के पास जाता है और बोलता है – अरे गधे तेरे दिन अब ख़त्म हुए मैं तुम्हें खाने जा रहा हूँ।

अचानक गधा हक्काबक्का रह जाता है और बुरी तरह घबरा जाता है, लेकिन फिर भी वह साहस नहीं छोड़ता। फिर कुछ सोचकर भेड़िये से बोलता है – आपका स्वागत है श्रीमान! मुझे कल साक्षात भगवान ने सपने में आकर कहा था कि कोई बड़ा दयालु और बुद्धिमान जानवर आकर मेरा शिकार करेगा और मुझे इस दुनिया के बंधन से मुक्त करायेगा। मुझे लगता है कि आप ही वो दयालु और बुद्धिमान जानवर हैं।

भेड़िया सोचता है कि वाह ये तो खुद ही मेरा शिकार बनने को तैयार है, ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी इसको मारने में। गधा फिर बोलता है – लेकिन महाराज मेरी एक आखिरी इच्छा है, मैं चाहता हूँ कि आप मुझे खाने से पहले मेरी आखिरी इच्छा जरूर पूरी करें।

भेड़िया बोला – हाँ-हाँ क्यों नहीं, कहो क्या है तुम्हारी आखिरी इच्छा?

गधा विनम्रता से बोला – मित्र मेरे पैर में एक छोटा पत्थर फंस गया है, क्या आप उसे निकल देंगे?

भेड़िया खुश होकर बोला – वाह इतना सा काम, अभी करता हूँ, कहाँ है पत्थर ? फिर भेड़िया गधे के पीछे जाकर जैसे ही उसके पैर के पास गया, गधे ने भेड़िये के चेहरे पे इतनी जोर से लात मारी कि भेड़िया बहुत दूर जाकर गिरा। फिर उसके बाद गधा पूरी ताकत के साथ वहां से भाग निकला, भेड़िया देखता रह गया।

इस प्रकार गधे ने भेड़िये से अपने प्राणों की रक्षा की…

मित्रों ये एक कहानी सुनने में थोड़ी फनी लगती है लेकिन इस कहानी में आपकी बहुत सारी समस्याओं का हल छिपा है। आप चाहें तो भेड़िये रूपी परेशानियों के आगे हार मान सकते हैं या उन परेशानियों को अपने साहस के दम पर हरा सकते हैं।

हर इंसान के अंदर कुछ ना कुछ विलक्षणता जरूर होती है और परेशानियाँ तो जीवन का एक मुख्य हिस्सा हैं, कोई अमीर हो या गरीब, छोटा हो या बड़ा, परेशानियाँ तो सबको आती है और आपके अंदर वो क्षमता भी है जो समस्याओं को हरा सकती है बस जरूरत है तो हिम्मत दिखाने की और साहस से काम लेने की। परेशानियाँ बड़ी नहीं होती हैं बल्कि हमारे विचार ही समस्याओं को बड़ा या छोटा बनाते हैं।