जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
गृह क्लेश का कारण (Grah Kales Ka Karan Kahani)

Inspirational Story of Saint Kabir | cause of home trouble | Hindi Stories

संत कबीर रोज सत्संग किया करते थे। दूर दराज से लोग उनकी बात सुनने आते थे। एक दिन सत्संग खत्म होने पर भी एक आदमी बैठा ही रहा। कबीर ने इसका कारण पूछा तो वह बोला, मुझे आपसे कुछ पूछना है।

मैं गृहस्थ हूं, घर में सभी लोगों से मेरा झगड़ा होता रहता है। मैं जानना चाहता हूं कि मेरे यहां गृह क्लेश क्यों होता है और वह कैसे दूर हो सकता है ?

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कबीर थोड़ी देर चुप रहे फिर उन्होंने अपनी पत्नी से कहा- लालटेन जलाकर लाओ! कबीर की पत्नी लालटेन जला कर ले आई। वह आदमी भौंचक देखता रहा। सोचने लगा इतनी दोपहर में कबीर ने लालटेन क्यों मंगाई!

थोड़ी देर बाद कबीर बोले- कुछ मीठा दे जाना! ’इस बार उनकी पत्नी मीठे के बजाय नमकीन देकर चली गई। उस आदमी ने सोचा कि यह तो शायद पागलों का घर है। मीठा के बदले नमकीन, दिन में लालटेन। वह बोला, ‘कबीर जी मैं चलता हूं।’


कबीर ने पूछा, ‘आपको अपनी समस्या का समाधान मिला या अभी कुछ संशय बाकी है ? ’वह व्यक्ति बोला, ‘ मेरी समझ में कुछ नहीं आया।

’कबीर ने कहा, ‘ जैसे मैंने लालटेन मंगवाई तो मेरी घरवाली कह सकती थी कि तुम क्या सठिया गए हो। इतनी दोपहर में लालटेन की क्या जरूरत। लेकिन नहीं, उसने सोचा कि जरूर किसी काम के लिए लालटेन मंगवाई होगी।


मीठा मंगवाया तो नमकीन देकर चली गई। हो सकता है घर में कोई मीठी वस्तु न हो। यह सोचकर मैं चुप रहा। इसमें तकरार क्या ? आपसी विश्वास बढ़ाने और तकरार में न फंसने से विषम परिस्थिति अपने आप दूर हो जाती है।

उस आदमी को हैरानी हुई । वह समझ गया कि कबीर ने यह सब उसे बताने के लिए किया था।

कबीर ने फिर कहा,’ गृहस्थी में आपसी विश्वास से ही तालमेल बनता है। आदमी से गलती हो तो औरत संभाल ले और औरत से कोई त्रुटि हो जाए तो पति उसे नजर अंदाज कर दे। यही गृहस्थी का मूल मंत्र है …..