कबीर साहब कहते हैं कि जीते जी चेतो | जीते जी अपने गुनाहों की माफी किसी संत महात्मा के पास किसी फकीर के कदमों में बैठकर करवा लो तो बच सकते हो बाबा जयगुरुदेव जी महाराज भी यही कहते हैं कि जब तक स्वांसों की पूंजी शेष है तब तक तुम किसी ऐसे महापुरुषों की बांह पकड़ों जो तुम्हारे कर्मों की मांफी करा दे | जीते जी मौत के भय से मुक्त करा दे और मौत का रहस्य भी सुलझा दे |
इस सन्देश को सुनाते हुये स्वामी जी ने कहा था कि मैं तुम्हारे दोनों तरफ साथ दूँगा और कभी नहीं छोडेँगा। |