जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
लालची शेर (Laalachee Sher Kahani)

गर्मियों के दिन थे। जंगल में एक शेर बहुत भूखा महसूस कर रहा था।

वह अपनी मांद से बाहर आया और इधर-उधर देखा। उसने एक छोटे खरगोश देखा।

शेर ने सोचा, “यह मेरा पेट नहीं भर सकता”

लेकिन उसने कुछ संकोच के साथ खरगोश को पकड़ लिया।

शेर खरगोश को मारने ही वाला था, तभी एक हिरण उस रास्ते से भागा। शेर लालची हो गया। उसने सोचा;

“इस छोटे खरगोश को खाने के बजाय, मुझे बड़े हिरण का शिकार करना चाहिए।”

उसने खरगोश को जाने दिया और हिरण के पीछे चला गया। लेकिन हिरण जंगल में गायब हो गया। शेर को अब दोनों को गवां देने का अफ़सोस हुआ।

कहानी की शिक्षा:
एक अवसर को छोड़कर दूसरे अवसर में तभी जाना चाहिए जब दूसरा अवसर मजबूती से अपने हाथ में आ जाए। ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए।