जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
मृत्यु के बाद कौन देता है साथ (चार पत्नियों की कहानी ) (Mrtyu Ke Baad Kaun Deta Hai Saath Char Patniyaan)

मृत्यु के बाद कौन देता है साथ (चार पत्नियों की कहानी) - Who accompanies after death (four wives)

पुराने ज़माने की बात है कि एक धनी आदमी था, सभी तरह से बिल्कुल संपन्न था भगवान ने जीवन में कोई कमी नहीं रखी थी। उस आदमी की 4 पत्नियां थीं लेकिन वह अपनी चौथी पत्नी से सबसे ज्यादा प्यार करता था।

वह अपनी चौथी पत्नी पर खूब पैसा खर्च करता, उसे देखकर प्रसन्न होता, उसको तरह तरह के महंगे व्यंजन खिलाता, कीमती आभूषण लाके देता। वास्तव में चौथी पत्नी ही उसे सबसे ज्यादा प्रिय थी।

अपनी तीसरी पत्नी को भी वो प्यार करता था, तीसरी पत्नी पास होने पर वो बड़ा अच्छा और सम्मानित महसूस करता था लेकिन उसे हमेशा ये डर रहता कि कहीं ये तीसरी पत्नी मेरे से दूर ना भाग जाये।

वह आदमी अपनी दूसरी बीवी से भी प्यार करता था। उसे कोई भी समस्या आती वो हमेशा अपनी दूसरी बीवी को ही बताया करता। दूसरी बीवी बड़ी ही समझदार और अच्छी सलाहकार थी, वह उस आदमी के आत्मविश्वास को बढाती थी।

उस आदमी पहली बीवी एक बहुत ही ईमानदार और लगनशील थी। वह उसके काम धंधे और अन्य सभी कामों में हाथ बंटाती थी लेकिन आदमी उससे बिल्कुल प्यार नहीं करता था। हालाँकि पहली बीवी उसे सबसे ज्यादा प्यार करती थी लेकिन उस आदमी ने कभी उसके प्यार पर ध्यान नहीं दिया।

एक बार वह आदमी बुरी तरह बीमार हो गया। सभी अच्छे वैद्य से इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उस आदमी का अब अंत समय आ चुका था। अब उस आदमी ने अपनी चारों पत्नियों को बुलाया।

चौथी पत्नी से बोला – मैं अब इस दुनिया से जा रहा हूँ, क्या तुम भी मेरे साथ चलोगी ? मैं तुमसे सबसे ज्यादा प्यार करता हूँ।

चौथी पत्नी – नहीं, बिल्कुल नहीं , मैं आपके साथ नहीं जा सकती

आदमी बड़ा दुखी हुआ, अब उसने तीसरी बीवी से कहा – मैं अब इस दुनिया से जा रहा हूँ, क्या तुम भी मेरे साथ चलोगी ?

तीसरी पत्नी – नहीं, मैं तो कोई दूसरी शादी कर लूंगी, किसी और की हो जाउंगी लेकिन आपके साथ नहीं जा सकती

आदमी का मन दुःख से भर गया, अब उसने दूसरी बीवी से कहा – मैं अब इस दुनिया से जा रहा हूँ, क्या तुम भी मेरे साथ चलोगी ? तुम पर तो मैं बहुत विश्वास करता हूँ

दूसरी बीवी ने कहा – मुझे भी आपके मरने का बहुत ज्यादा दुःख है लेकिन मैं भी आपके साथ नहीं जा सकती। मैं केवल आपका अंतिम संस्कार कर सकती हूँ।

इतने में पहली पत्नी आगे आयी और बोली – मैं आपके साथ जाउंगी, आप जहाँ भी जाओगे मैं साथ जरूर आउंगी और हमेशा आपका साथ दूंगी।

आदमी की आँखों में आँसू आ गये क्योंकि उसने आज तक पहली बीवी के प्यार को नजर अंदाज किया था लेकिन आज वही उसके सबसे ज्यादा काम आयी।

दोस्तों दुनिया के हर आदमी या औरत के पास ये चार पत्नी या पति हैं,

चौथी पत्नी है आपका शरीर जिसे आप सबसे ज्यादा प्यार करते हैं। रोजाना इसे साफ़ करते हैं, सुन्दर बनाने की कोशिश करते हैं, इस पर खूब पैसा भी खर्च करते हैं, अच्छे महंगे कपडे पहनाते हैं लेकिन मरते समय आपका ये शरीर आपके साथ नहीं जायेगा , ये यही रह जायेगा।

तीसरी पत्नी है आपका धन, संपत्ति जिस पर आप गर्व महसूस करते हैं। जिसे अपनी शान समझते हैं वो मरने के बाद किसी और की हो जाएगी वो भी आपके साथ नहीं जाएगी।

दूसरी पत्नी है आपका परिवार एवं सगे संबंधी, ये लोग आपके मरने पर दुःखी होंगे एवं आपका अंतिम संस्कार करेंगे लेकिन आपके साथ इनमें से भी कोई नहीं जायेगा।

पहली पत्नी है आपकी आत्मा, जो हमेशा आपके साथ रहती है, जो कभी आपका बुरा नहीं चाहती, हर सुख और दुःख में आपका साथ देती है लेकिन आप कभी उसके प्यार को जान ही नहीं पाते और एक वही है जो मरने के बाद भी आपके साथ जाएगी।

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