जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परिश्रम का फल (Parishram Ka Phal)

परिश्रम का फल | fruits of hard work


किसान और उसके चार पुत्र एक किसान था। उसे चार पुत्र थे।

सब –सब आलसी थे।

किसान को बहुत चिऩ्ता बना रहता था कि मेरा कोई भी पुत्र कामयाब नहीं हैं।

उसे कैसे शिक्षा दी जाय, जिससे की जीवन में सफलता प्राप्त कर सके।

किसान बुढा हो चला थ।

एख दिन किसान ज्य़ादा बीमार पङ गया।

उन्हें बचने की कम उम्मीद रह रहा था।

उसने अपने चारो बेटे को बुलवाया और कहा –बाग वाले खेत में मैं ने एक बडा कलश में करीब दस लाख रूपये किसी जगह जमीनमें गाड दिया है।

किसान के इतना कहते ही उनका अन्तीम साँस छुट गया।

चारों भाई ने सोचा कि पहले पिता जी का दाहसंकार कर दिया जाय।

तब खेत के जमीन खोदेंगे।ऐसा ही सोच के अनुसार किया । पूरे खेत को खोद डाला ।

रूपये तो एक भी न मिला परन्तु जब खेत में बोआई किये तो फसल अच्छी लगी और अऩ्न काफी उपजा।

सभी भाई काफी खुश थे ।