जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
पशु पक्षी को मारो मत (Pashu Pakshee Ko Maaro Mat)

पशु पक्षी को मारो मत - don't kill animals and birds

एक जंगल में एक फकीर साहब साधना करते थे। आज के समय में तो बहुत से साधन हो गये हैं। उस समय कोई साधन नही था। वो पत्तों की झोपड़ी बनाकर उसी में साधना करते थे। उस जंगल में कोई शिकार नहीं करता था। पक्षी वहां बहुत रहते थे। एक बार एक शिकारियों के दल को पता चला कि वहां तरह तरह की चिड़ियां रहती हैं। वे सब अपनी बन्दूकें लेकर वहां शिकार को पहुंचे।

वहां के लोगों ने फकीर साहब को बताया तो उन्होंने कहा कि जाओ और जाकर उनसे कह दो कि खुदा का हुक्म हुआ है रूहों को मारो मत। जब शिकारियों से ये बात लोगों ने कही तो वे बोले कि हम इसे नहीं मानते। लोगों ने फिर समझाया और फिर कहा कि जाओ उनसे कह दो कि खुदा हुक्म में दखल अंदाजी न करें।

उनको फिर लोगों ने जाकर कहा, पर उन सभी ने एक न मानी। शिकार करने चले गये। गोलियां चलाईं। चिड़ियां तो नही मरीं, आपस में ही एक दूसरे को गोली लग गयी और वे मर गये। इसके बाद उस जगह के लिए यह प्रचार हो गया कि उस जंगल में कोई चिड़िया को नही मार सकता। जो मारेगा तो अपनी गोली से आप मरेगा।

फकीर साहब को बुखार चढ़ा। प्रेमियों ने कहा कि आप गांव चलिये। वहां किसी हकीम वैद्य से दवा ले लीजिए। वो बोले कि खुदा का हुक्म होगा तो चले चलेंगे अगर हुक्म होगा कि मकान को खाली कर दो तो खाली कर देंगे। तीन दिन में उनका बुखार उतर गया। उन्होंने कुछ खाया नहीं, विकार था निकल गया।

स्वामी जी महाराज कहा करते थे कि जो फकीर कहें उसे मानो। मनमानी क्यों करते हो ? आप उन पर विश्वास करोगे नही, उनका विश्वास खो दोगे तो अंधेरे में दुख उठाओगे। ठीक आज यही हो रहा है। आज सबने विश्वास खो दिया। आज से बीस साल पहले तो इतनी हिंसा थी ही नहीं। अगर कहीं कोई घटना हो गयी और लोगों ने सुन लिया तो वो रोटी नहीं खाते थे।

अब जो हिंसा हो रही है उसका प्रायश्चित इसका पाप किसको लगेगा? खुदा को ? किया आपने तो प्रायश्चित भी आप को ही लगेगा। उसका खामियाजा भी आपको ही भुगतना होगा। इसलिए अपनी बचत करो। क्यों प्रायश्चित लादते हो ? पहले लोग महात्माओं की बात इसलिए मानते थे कि इसमें उनका भला होगा। आज ये सब खत्म हो गया। स्वामी जी महाराज के समय में सब लोग आपस में बडे प्यार से रहते थे, एक दूसरे का स्वागत करते थे, आपस में बड़ी मुहब्बत थी।


मैंने फकीरों की बात कही है। यह कहानी नहीं है, सच्ची बात है। स्वामी जी महाराज गांव में सबसे कहा करते थे कि पशु पक्षी को मारो मत। कई बार ऐसा होता था कि शिकारी आते थे तो सारी चिड़िया उड़ जाती थीं। एक बार कुछ शिकारी गांव से जा रहे थे। उन्हें एक भी चिड़िया नही मिली। स्वामी जी ने उनसे कहा कि आप लोग दिन भर घूमते रहे क्या मिला आपको ? मैंने सबको मना कर दिया है कि किसी जीव को मारना मत।