जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
प्रकृति नाराज (Prakrti Naraj Kahani)

आज देश नसबन्दी का कोटा पूरा करने में सम्पूर्ण कर्मचारी, अधिकारी परेशान है। । सरकारी आदेशानुसार कोटा न पूरा करने वाले कर्मचारियों का वेतन रोकने व नौकरी से निकाल देने की नोटिस मिल रही है

जब हिन्दुस्तान आजाद हुआ उसके बाद यह आवाज लगाई गई कि ४० करोड़ की आवादी हो गई और सबको भोजन कपड़ा और मकान नहीं मिल रहा हैं । इसलिये बढ़ती हुई आवादी को रोका जाय इसको रोकने के लिये लाये विदेशों से दवा नसबन्दी और गर्भपात । ७०० वर्ष मुसलमानों के राज्य में ५०० वर्ष अंग्रेजों के राज्य में तथा गीता पुराण कुरान में यह नहीं है लेकिन आपने यह ध्यान नहीं दिया कि ऋषि मुनि, साधु-सन्त महात्मा अभी हैं इनका भी कुछ उत्तरदायित्व है । इनसे पूछ लेते कि कोई रास्ता, क्रिया दवा बताये जिससे जनसंख्या न बढ़े । आपने यह समझा कि हम ही खुदा है और कुछ पैसों का लालच देकर न नसवन्दी गर्भपात करने लगे, लेकिन कुदरत को मन्जूर नहीं था और ४० रो ५० करोड़ हो गये । फिर रेडियो , अखबार ने डिंढोरा पीटा कि इस डस बार कारगर ढंग से लागू नहीं हुआ, फिर कम्वल व पैसों का लालच दिया और फिर नसबन्दी- गर्भपात करने लगे । आबादी हो गई 95 करोड़ और पुन: प्रलोभन तेज करके नसबन्दी, गर्भपात करने लगे आबादी हो गई ६० करोड़ । तब तक इमर्जेन्सी आ गई और इसमें अध्यादेश जारी कर दिया गया और कहा कर्मचारी, अधिकारी, किसान, सेठ, साहूकार, मजदूर कोई भी रास्ते में मिल जाये उसे पकड़ कर नसबन्दी करो । बहुतेरी नसबन्दी जबरदस्ती .की गई, जिसके बावजूद भी ६० करोड़ की आबादी हो गयी।

वर्तमान समय में इस भारत की जनसंख्या २ अरब की हो गई है | मेरे कागज से नहीं, सरकारी कागज से २ अरब है । पिछले चुनाव आयोग के मुताबिक साढ़े ४८ करोड़ मतदाता थे इनके अतिरिक्त बच्चों की संख्या, जिन वयरकों का नाम मतदाता सूची में अभी तक नहीं आया, पागंलों की संख्या, भिक्षुओं की संख्या, अन्य देशों से आकर रहने वालों की संख्या, इत्यादि की संख्या जोड़िये तो २ अरब से अधिक ही होंगे । आप ढिंढोरा पीटोगे ८० करोड़ का और न दवा बतायें जिसरो जनसंरब्या बजट भी बनाओगे ८० करोड़ का, जबकि आवादी २ अरब है तो कैसे इंतजाम करोगे, कैसे दोगे नौकरी , गरीबी कैसे हटाओगे। इससे काम चलने वाला नहीं और लोक परलोप दोनों बिगड़ जायेगा।