जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
सब कर्मों का फल है (Sab Karmo Ka Fal Ha)

सब कर्मों का फल है | is the result of all actions

एक स्त्री थी जिसे २० साल तक संतान नहीं हुई। कर्म संजोग से २० वर्ष के बाद वो गर्भवती हुई और उसे पुत्र संतान की प्राप्ति हुई किन्तु दुर्भाग्यवश २० दिन में वो संतान मृत्यु को प्राप्त हो गयी।


वो स्त्री हद से ज्यादा रोई और उस मृत बच्चे का शव लेकर एक सिद्ध महात्मा के पास गई ।

महात्मा से रोकर कहने लगी मुझे मेरा बच्चा बस एक बार जीवित करके दीजिये, मात्र एक बार मैं उसके मुख से "माँ" शब्द सुनना चाहती हूँ। स्त्री के बहुत जिद करने पर

महात्मा ने २ मिनट के लिए उस बच्चे की आत्मा को बुलाया। तब उस स्त्री ने उस आत्मा से कहा तुम मुझे क्यों छोड़कर चले गए?

मैं तुमसे सिर्फ एक बार "माँ" शब्द सुनना चाहती हूँ। तभी उस आत्मा ने कहा कौन माँ ? कैसी माँ

मैं तो तुमसे कर्मों का हिसाब किताब करने आया था। स्त्री ने पूछा कैसा हिसाब !

आत्मा ने बताया पिछले जन्म में तुम मेरी सौतन थी, मेरे आँखों के सामने मेरे पति को ले गई ! मैं बहुत रोई तुमसे अपना पति मांगा पर तुमने एक न सुनी।तब मैं रो रही थी और आज तुम रो रही हो ! बस मेरा तुम्हारे साथ जो कर्मों का हिसाब था वो मैंने पूरा किया और मर गया। इतना कहकर आत्मा चली गयी।

उस स्त्री को झटका लगा।उसे महात्मा ने समझाया देखो मैने कहा था न कि ये सब रिश्तेदार माँ, पिता, भाई-बहन सब कर्मों के कारण जुड़े हुए हैं।

हम सब कर्मो का हिसाब करने आये हैं। इसिलए बस अच्छे कर्म करो ताकि हमे बाद में भुगतना ना पड़े। वो स्त्री समझ गयी और अपने घर लौट गयी।