जय गुरु देव
परम पूज्य बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 14 सितम्बर 2023 , गुरुवार, शाम 6 बजे, जैसलमेर (राजस्थान) में सत्संग के माध्यम से बताया कि
सत्य अहिंसा परोपकार सेवा ही मूल धर्म है, यही लोगों को धारण करा दोगे तो बुरे समय में बचत हो जाएगी
कबीर साहब ने जब (हाथ की) चक्की देखा, उसमें दो पाटे होते हैं। उसमें गेहूं पिस जाते हैं लेकिन बीच में एक लोहे की कीली होती है, एक आधार होता है। उसके किनारे-किनारे जो गेहूं होते हैं वो सब पिसने से बच जाते हैं। कील सहारे जो रहे, सो साबुत बच जाए। कील के सहारे जो रहता है वह बच जाता है। तो आप भी कील पकड़ा दो। कील क्या है? यही नाम (नाम का दान) जो (सतसंग में) बताया जाएगा। यही सत्य अहिंसा परोपकार सेवा ही मूल धर्म है। यही लोगों को धारण करा दो। प्रकृति, भगवान के खिलाफ लोग काम न करें, समझा दो। आप नए-पुराने सब लोग ये काम कर सकते हो। जीवों की रक्षा कर सकते हो। पुराने लोग जितने भी हो, गुरु के वचन को पकड़ो, आपके संभाल की बात यही है।
अधिक जानकारी के लिए पूरा सत्संग सुने:-
https://www.youtube.com/live/jJLCfvDG29Q?si=0LNzkJqt-zCGgCra
Jai Guru Dev
Most revered Baba Umakant Ji Maharaj told through satsang on 14 September 2023, Thursday, 6 pm, in Jaisalmer (Rajasthan) that
Truth, non-violence, charity, service is the basic religion, if you make people adopt this then they will be saved in bad times.
When Kabir Saheb saw the (hand)mill, it had two cogs. Wheat is ground in it but there is an iron nail in the middle, there is a base. All the wheat growing on its banks is saved from grinding. Whatever is supported by the nail should survive unscathed. The one who rests on the nail survives. So you also nail it. What is a nail? This is the name (donation of name) which will be told (in the satsang). This truth, non-violence, charity and service is the basic religion. Make people wear this. Explain that people should not work against nature and God. All of you, new and old, can do this work. Can protect living beings. No matter how old you are, hold on to the Guru's words, this is all you can handle.
For more information listen to the complete satsang:-
https://www.youtube.com/live/jJLCfvDG29Q?si=0LNzkJqt-zCGgCra
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