Precious words of Baba Umakant Ji Maharaj for the farmer brothers | Baba Umakant Ji Maharaj, Ujjain, Madhya Pradesh
सर्वविदित है कि एक मजदूर से लेकर सेठ साहूकार, चपरासी से लेकर के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति तक को रोटी खिलाने वाले दिन रात पसीना बहाकर के खेतों में काम करने वाले काश्तकारों के मेहनत के हिसाब से पैदा किए हुए अन्न की कीमत लागत के मुकाबले बहुत कम मिल पाती है, जरूरत पूरा ना होने पर कर्ज के बोझ से दबना पड़ता है। रोटी, रोजी, न्याय, सुरक्षा भरपूर ना मिल पाने की वजह से जीवन से ऊब कर आत्महत्या जैसा अज्ञानी कदम उठा ले रहे। परम् पूज्य बाबा उमाकान्त जी महाराज ने कहा कि इसके लिए हमको हार्दिक कष्ट है और मैं बराबर आपकी सुख सुविधा और शांति के लिए इस समय पर देश की व्यवस्था की बागडोर जिनके हाथ में है उनसे तो कहता ही रहता हूँ साथ ही साथ खुदा, भगवान से भी प्रार्थना करता रहता हूँ इसलिए भूमिजोतक काश्तकारों आप कभी भी आत्महत्या मत करना। यह मेरी बात मान लो और अपने खर्च पर अंकुश रखना, जुआ, शराब तथा व्यभिचार जैसे बुरे व्यसन से बचना, मालिक पर भरोसा रखना और परिस्थितियों का मुकाबला शांतिपूर्ण ढंग से कर लेना, कुछ समय में व्यवस्था सही हो जाने पर सब ठीक हो जाएगा। हमें मालूम है कि आपकी बहुत मेहनत लगती है लेकिन आगे दवाओं की कमी पड़ेगी तो जरूरत वाली चीजों पर ध्यान दो जैसे अदरक हल्दी घृतकुमारी तुलसी। धान गेहूं की खेती में जो कम मुनाफा हुआ वह पूरा पड़ जाएगा। जिस क्षेत्र में जो चीज ज्यादा हो सकती है उसे करो। सरकार से प्रार्थना है कि जड़ी-बूटियों, गोमूत्र, गाय के गोबर आदि का, इन दवाओं का, लोगो को सिखवाकर उत्पादन शुरु करवाओे।
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