जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)

परम पूज्य परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज से प्रेमियों द्वारा पूछे गए सवाल और उनके जबाव

प्रश्न:- स्वामी जी ! भाग्य कैसे बनाया जाता है?

Question:- Swami ji ! How is fortune made?...?

उत्तर - परमात्मा जिसे हम काल भगवान भी कहते हैं वही हमारे भाग्य विधाता हैं । जो कुछ भी कर्म हम मनुष्य शरीर में करते है उसका फल अगले जन्म का भाग्य बन जाता है | इस कर्म का कुछ हिस्सा हमारे सामान्य कोष में जमा हो जाता है ताकि कभी हमारे कर्म खत्म हो जाय तो उस कोष में से प्रारव्ध बनाया जा सके। कर्म के बिना काल भगवान किसी भी आत्मा को शीरर के बन्धन में नहीं रख सकते और बगैर काया के कर्म भी नहीं हो सकता ।

ये तो काल भगवान की मर्जी है कि वो संचित कर्मों में से लेकर तुम्हारे भाग्य में जोड़ दें या क्रियामान कर्मों में से कुछ कर्म संचित कर्मों के कोष में मिला दें । जो दैनिक जीवन में हम अच्छे बुरे कर्म करते हैं उन्हें क्रियामान कर्म कहा जाता है | प्रारव्य के प्रति हम सब विवश हैं और प्रारव्ध कर्म भोगने पड़ते हैं । हर स्वांस पर कर्मों का हिसाब चल रहा है । भविष्य के लिए नये कर्मों का बीज बोने के लिए हम स्वतंत्र है | अच्छा करें या बुरा करें कर्म फल अवश्य मिलेगा । अच्छा करेंगे तो स्वर्ग बैकुण्ठ में स्थान मिलेगा और यदि बुरा करेंगे तो नरकों और चौरासी योनियों में सजायें भुगतनी पड़ेंगी ।