जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)

परम पूज्य परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज से प्रेमियों द्वारा पूछे गए सवाल और उनके जबाव

प्रश्न:- स्वामी जी ! सुमिरन दिन में कितनी बार करना चाहिए ?

Question:- Swami ji ! How many times in a day should Sumiran be done...?...?

उत्तर - सुमिरन चौबीस घण्टे में एक बार अवश्य करना चाहिए । सुमिरन में आठ माला होती है । सुमिरन का समय निश्चित कर लो तो अच्छा है वैसे कभी भी कर सकते हो | यह दो बार भी किया जा सकता है । यदि ठीक से सुमिरन नहीं हुआ है तो कई बार भी कर सकते हो | सुमिरन के द्वारा आत्मा शरीर को छोड़कर ऊपर की ओर जाती है । जब एकाग्रता पूर्ण हो जाती है तो कई घण्टे एक आसन पर बैठे रहो कोई फर्क नहीं पड़ता है |

एकाग्रता होने पर अन्तर में शब्द सुनाई देता है, घण्टे की आवाज सुनाई देती है । यह आसमानी आवाज है जो चारों युगों से एक रस लगातार बज रही है और इस मनुष्य शरीर में दोनों आँखों के पीछे तक आती है । जब चेतना नीचे भागों से सिमट कर ऊपर की ओर आती है. तब अन्तर में रोशनी दिखाई देती है, सूरज चांद सितारे दिखाई देते है | अन्तर के प्रकाश का वर्णन नहीं किया जा सकता । यहाँ तो अन्घेरा भी हैं किन्तु ऊपर में अन्धेरा का नाम नहीं है । वह रुहानी रास्ता है |