जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)

परम पूज्य परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज से प्रेमियों द्वारा पूछे गए सवाल और उनके जबाव

प्रश्न:- स्वामी जी ! कभी-कभी मन खराब हो जाता है और सत्संग में रुखा फीका होने लगता है तो ऐसा क्यों होता है ?

Question:- Swami ji ! Sometimes the mind gets spoiled and the attitude starts to fade in the satsang, then why does this happen?...?

उत्तर - साधक की मनोवृत्ति दो प्रकार से खराब होती है जो साधन और गुरु की तरफ से मोड़ देती है । किसी स्त्री की तरफ तुम्हारा झुकाव हो गया तो यह निष्चित है कि वह स्त्री तुम्हें गुरु तथा सत्संग की तरफ से विमुख कर देगी । पराई स्त्री से सदा दूर रहना चाहिए ।

दूसरा है मान-सम्मान दूसरों से मान-सम्मान चाहोगे तो तुम्हारा मन हमेशा डांवा डोल रहेगा | गुरु से भी मान सम्मान की कामना करने लगोगे फिर ये तुम्हारे पतन का सस्ता शुरू हो जाएगा । किसी न किसी दिन तुमको ठोकर अवश्य लगेगी । यह मन माया का है और इसकी उत्पत्ति माया से हुई है । माया ने जो इस दुनियां में पसारा फैलाया है उसमें मन को चरने के लिए छोड़ दिया है । इंसान माया के खोल में आनन्द की तलाश करता है । वह यह नहीं जानता कि खोल में आनन्द नहीं है । इसलिए जरुरी है कि इन सब बातों को समझो और समझ सत्संग से ही आती है । सत्संग के वचनों को दूृढ़ता से पकड़े रहोगे तो मन पर सदा अंकुश लगा।