जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)

परम पूज्य परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज से प्रेमियों द्वारा पूछे गए सवाल और उनके जबाव

प्रश्न :- स्वामी जी ! भजन में तरक्की नहीं होती क्या करें ?

Question:- Swami ji ! There is no progress in Bhajan, what to do?...?

उत्तर - इसमें तुम्हारे मन का कसूर है | तुम्हें सत्संग नहीं मिलता, मन पर कोई लगाम नहीं, जहाँ चाहता है भागता रहता है, संसार के सामानों के लिए अनावश्यक तृष्णा और भजन को गैर जरूरी समझना ये सब कारण हैं जिससे भजन नहीं हो पाता है । मन को लगाकर सुमिरन करो तब एकाग्रता आएगी और जब एकाग्रता आएगी तब सुरत का फैला प्रकाश धीरे-धीरे सिमटने लगेगा । सिमटाव होने पर आत्मा शरीर को छोड़ना शुरू कर देती है और शरीर सुन्न होने लगता है। शरीर के नौ द्वारों से जब जीवात्मा का प्रकाश खिंच जाएगा तब दोनों आँखों के पीछे दसवें द्वार से वो निकल कर बाहर चली जायेगी और ऊपर के मण्डलों का भ्रमण करने लगेगी |

लेकिन यह सब तभी होगा जब तुम लगन और मेहनत के साथ सुमिरन, ध्यान और भजन करोगे तभी तो मन फैला हुआ है और संसारी वस्तुओं को आध्यात्मिक वस्तुओं के मुकाबले अधिक महत्वपूर्ण समझता है | सांसारिक विद्या मन को फैलाती है और परा विद्या मन का सिमटाव करती है |