उत्तर:- सत्संग चेतकर सुनने से हर समस्या का समाधान निकल आता है। विघ्न बाधायें तो आयेंगी ही, कर्मानुसार भी आती हैं। लेकिन घबड़ाना नहीं चाहिए। अगर गुरु के स्वरूप को चित्त में बसा लो और उनके वचन याद रहें तो वहाँ काल ज्यादा विघ्न नहीं करता। गुरु के वचन भूलने पर काल का जोर होता है। गुरु तुम्हारे पास शब्द रूप में हर वक्त मौजूद है तुमसे बिल्कुल दूर नहीं। वह तुम्हारी आत्मा की आत्मा हैं।
उन्हें अपने से दूर मत समझो। वह देह रूप से तो दूर हैं मगर शब्द रूप से बिल्कूल समीप हैं और हर वक्त देखते रहते हैं और सम्हाल करते रहते हैं। काल उन जीवों पर हमला करता है जो कुकर्म करते हैं। सदा संसार में डरते रहो। संसार बहुत दुखदाई है। इस बात को याद रक््खो कि हमें इस संसार में रहना नहीं है। भजन करो और नाम की डोर को पकड़ कर इस परदेश से निकल चलो तभी तमाम दुखों से छुटकारा मिलेगा ।
Question:- Swami ji! Sometimes many problems arise while living in company, what should I do?
Answer:- Every problem gets solved by listening to satsang carefully. Obstacles and obstacles will definitely come, they also come according to karma. But one should not panic. If you keep the Guru's form in your mind and remember his words, then time does not interfere much there. Forgetting the Guru's words is a result of time. Guru is always present with you in the form of words and is not far away from you. He is the soul of your soul.
Don't consider them distant from you. He is far away physically but is very close in word form and keeps watching and taking care of you all the time. Time attacks those living beings who commit evil deeds. Always be afraid in this world. The world is very sad. Remember that we do not have to live in this world. Do bhajan and leave this foreign country holding the string of name, only then you will get relief from all the sorrows. |