उत्तर:- पहली बात यह है रोज नियम से भजन पर बैठो नाग न होने पावे। जो समय निर्धारित करो ठीक उसी समय पर बैठ जाओ | प्रातःकाल का समय भजन के लिए अच्छा होता है, वातावरण शान्त रहता है। मन का स्वभाव है भागने का और वह भागेगा। कोशिश इस बात की करनी चाहिए कि जब वो भागे तो उसे वापस खींचकर तीसरे तिल में ले जाओ ।
इस अभ्यास को बराबर करते रहना चाहिए । धीरे-धीरे मन मान जाता है अगर विरह अंग लेकर भजन ध्यान में बैठो तो ध्यान और स्थिर हो जाता है, उछल कद नहीं करता । इसलिए भजन पर बैठने के पहले एक रिर अंग की कोई प्रार्थवा करो। इससे मन में टिकाव आएगा। अभ्यास से और फिर गुरु की दया से सन भजन सें लगने लगेगा । लगे रहो हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।
Question:- Swami ji! The mind often runs away during meditation and bhajan, what to do?
Answer:- The first thing is to sit on the bhajan daily as a rule so that there is no snake. Sit down at the appointed time. Morning time is good for bhajan, the atmosphere remains calm. The nature of the mind is to run away and it will run away. Effort should be made that when he runs away, pull him back and take him to the third mole.
This practice should be continued regularly. Gradually the mind agrees, if you sit in bhajan meditation with a detached body, then the meditation becomes more stable and does not jump. Therefore, before sitting for bhajan, do some prayer for one body part. This will bring stability in the mind. With practice and then with the grace of the Guru, you will start getting engaged in bhajan. Keep going, don't lose courage. |