उत्तर - मरीजों को दवा दें सच्चाई और ईमानदारी के साथ। सेवा भाव बना रहे । अगर किसी को जरूरत हो तो उसकी ममद अवश्य करें जितनी कर सकें । ठीक होना ठीक न होना मालिक की मौज पर उसके प्रारव्ध पर छोड़ें । आपको अपना कर्त्तव्य करना है । जो कुछ भी होगा मरीज के प्रारव्ध के अनुसार होगा। उसकी चिन्ता से अपने मन पर अधिक बोझ मत डालिए । आपकी दवा और सेवा ही उसकी सहायता कर सकती है, आपकी चिन्ता से उसका कोई लाभ नहीं । मरीज के प्रति सदा दया भाव बना रहे |
Question:- Swami ji! I am a doctor. What things should I keep in mind while undergoing treatment so that Bhajan is not affected?
Answer: Give medicines to patients with truth and honesty. Maintain a sense of service. If someone is in need, then definitely help him as much as you can. Leave it to the master to decide whether it is right or not. You have to do your duty. Whatever happens will happen as per the fate of the patient. Don t burden your mind too much with his worries. Only your medicine and service can help him, your concern is of no use to him. Always remain compassionate towards the patient. |