सिपाहियों ने आत्मसमर्पण किया। हमारी सेना की ताकत नहीं थी कि वह इतने लोगों का आत्मसमर्पण करा लेती । लड़ाई के मैदान में दैविक शक्तियों ने भारतीय सेनी का पूरा साथ दिया । परिणाम स्वरूप दुश्मनों के सारे मंसूबे नाकाम हो गये। स्वामी जी ने आगे बताया कि भविष्य में भी बहुत कुछ देखना है। अभी तो सन् 72 का कारण बन रहा है। कार्य आगे होगा दुश्मनों में अधिकांश बम चुपचाप जमीन पर उतार लिए जायेंगे और सारे अणुबम एक साथ अगर छोड़े जायेंगे तो 95 प्रतिशत जमीन पर उतार दिये जायेंगे ।
बीमारियों के कीटाणु फैलाने वाले बम जब छोड़े जायेंगे तो कदरत उल्टी हवा चला देगी, जिससे दुश्मनों का सफाया होने लगेगा | नेपाल, तिब्बत, ब्रहमा आदि छोटे-छोटे देश टूट कर भारतवर्ष में मिल जायेंगे और भारतवर्ष विश्व का सबसे बड़ा शक्तिशाली राष्ट्र होगा | स्वामी जी ने अपार जनसमूह में कहा कि अभी आप मेरी बातों को सुन लें और जब हो जायेगा तभी मान लीजियेगा।
जय गुरु देव
यह मैटर अतीत के आईने में किताब से लिया गया है
India will be the most powerful nation in the world
The soldiers surrendered. Our army did not have the strength to make so many people surrender. The divine powers fully supported the Indian Army in the battlefield. As a result, all the plans of the enemies failed. Swamiji further said that there is a lot to see in the future also. Right now it is becoming the reason for year 72. The work ahead will be that most of the enemy's bombs will be brought to the ground silently and if all the atomic bombs are released simultaneously, 95 percent will be dropped to the ground.
When the bombs that spread the germs of diseases are released, nature will blow the opposite direction, due to which the enemies will be wiped out. Small countries like Nepal, Tibet, Brahma etc. will break up and merge into India and India will be the most powerful nation in the world. Swami ji told the huge crowd that you should listen to my words now and accept it only when it is done.
Jai Gurudev
This Matter is taken from the book In the Mirror of the Past
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