जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
मन के हारे हार है , मन के जीते जीत

Man Ke Hare Har Hai , Man Ke Jete Jet

पराए पापों के प्रायश्चित की चिन्ता न कर पहले अपने पापों का प्रायश्चित करो। किसी के दोष को देख कर उससे घृणा न करो और न उसका बुरा चाहो । यदि ऐसा न करोगे तो उसका दोष तो न मालूम कब दूर होगा। बराबर प्यार भाव करो और समझ रहो । यदि तुम्हारा समझौती से न माने तो तुम उससे कम मिलना करो वह अपने किए का फल आप पायेगा ।

प्रभू को साथ रखकर काम करने से ही पापों से रक्षा और कार्य में सफलता होती है । बेरी अपना मन ही है इसे जीतने की कोशिश करनी चाहिए। स्वयं पापों को देखते रहो और जिन्हें जो अपने प्रिय मित्र और गुरुजन हो उनसे कह डालो। यह पाप से छूटने का एक मुख्य उपाय है ।