जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
आत्म सुख पाने के लिए गुरु कृपा आवश्यक है

Aatm Sukh Paane Ke Lie Guru Krpa Aavashyak Hai

साधक ही इस आत्म सुख को पा सकता है। साधक बगैर गुरु की कृपा के यह आत्म सुख प्राप्त नहीं कर सकता है। इसी आत्म सुख को पाने के हेतु मनुष्य राजगद्दी पहले से त्याग देता है और इसी आत्म सुख की खोज में लग जाता है ।

साधक के ऊपर गुरु की बहुत बड़ी कृपा है कि सब सामानों के बीच रहते हुये आत्म सुख प्राप्त हो जाता है। इसी आत्म सुख को सत आनन्द स्वरूप कहा है और इसी को गोस्वामी जी ने जड़ चेतन ग्रन्थि करके वर्णन किया है इसी आत्म सुख को कहा है।