इस शरीर में साधना के द्वारा जिसने ज्ञान चक्षु को प्रकट कर लिया उसका नाम महात्मा है।
रायबरेली में बाबाजी 2 अप्रैल।
अपार जन समूह आज बाबा के संदेश को सुनने के लिए उमड़ पड़ा और गली-गली में यही चर्चा थी आज बाबा जयगुरूदेव आ रहे हैं। बीमारी, परेशानी, भूतें प्रेत का बाधा दूर कराने के लिए और बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु लोग चमकती धूप में खंड़े रहे ।
बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने बताया कि भारत धर्मप्रधान देश है और धर्म के प्रति लोगों की बड़ी आस्था है। आप इतनी दूर चल कर कष्ट से आये हैं तो.मैं कुछ आराम पहुंचना चाहता हूं। मैं समझता हूं कि आप में बड़ी उत्सुकता है और हर प्रकार के व्यक्ति उपस्थित हैं। अनेक-अनेक प्रकार भी भावनायें लेकर लोग बैठे हैं न किन्तु मैं अंत में सभी विचारों को शून्य कर दूंगा । आपने जैसा चश्मा लगा रखा है वैसा ही दिखाई पड़ रहा है।
सब रंगों का चश्मा है। कितु जब सभी रग उतर जायेगा मनुष्य जिन शिक्षाओं का पहले सम्मान करता था, कियाओं को करता था, सेवा से लोगों को सुख पहुचाता था, दूसरों के दुख को देखकर द्रवित हो जाता था वह प्रेम, आदर सेवा, सम्मान मानवता का लक्ष्य अब दिखाई नहीं पड़ता । मनुष्य में काम, कोध, लोभ, अहंकार का बोलवाला हो गया तो वह झूठ बोलने लगा, बेईमानी करने लगा, अखाद्य चीजों का सेवन करने लगा जिसने बुद्धि को खराब कर दिया, दुराचार, व्यभिचार रिश्वत तथा अन्य भौतिक कामों में फस गया ।
जब हर प्रकार से पतन हो गया तो सभी स्त्रियां अपनी है, मां-बेटी का विश्वास उठ गया। मैं आपको अपनी दिल की बात बताता हूं । अध्यात्मबाद का प्रचार करता हूं। मुसलमानों से मेरा कोई विरोध नहीं सब में उस परवर दिगार की रूह को देखता हूं। दौर-दौरा मचा हुआ है शराब मांस हड़ताल का फिर मनुष्य को चैन कहां? मैं धर्म का उपदेश करता हूं आत्माओं को जगाने के लिए राम नाम की मणि तुम्हारे अंदर में छिपी हुई है उसे प्रकट करना चाहता हू।
मगर तुम सुलफा शराब में गलतान हो जो ज्यादा भभूत लगाता हो, लम्बी जटा रखाता हो, खूबं-झूठ बोलता हो उसी को लोग महांत्मा समझ लिए है। इस शरीर में है। इनका नाम महात्मा नहीं है। इस शरीर में साधना के द्वारा जिसने ज्ञान चक्षु को प्रकट कर लिया उसका नाम महात्मा है। राम, कृष्ण, बुद्ध, इसामसीह, मोहम्मद , कबीर, नाकन, मीराबाई आदि महात्माओं ने मुनियों ने भविष्यवाणी की महात्माओं की हजारों वर्ष न आगे का ज्ञान होता था मैं अभी नया-नया यहां आया हूं। थोड़े दिन यहा घूम जाऊं तो पता नहीं क्या हो जाय ।
आपने तो प्रेम, दयां, सेवा महात्मा सबको अलग कर दिया और एक रट लग गई हाय मछली, हाय अण्डा, हाय शराब, हाय रिश्वत, हाय तोडफोड़, हाय धोखाधड़ी, हाय| है और परिवार की शांति खत्म हो जाती है अगर समाज में चार आदमी ऐसे हो जाएं तो समाज बिगड़ जाता है और जब देश में 99 प्रतिशत ऐसे लोग हो जायें तो देश का बेडा गर्क हो जाये हैं।
जय गुरु देव
यह मैटर अतीत के आईने में किताब से लिया गया है
The name of the one who has manifested the eye of knowledge through spiritual practice in this body is Mahatma.
Babaji in Raebareli on 2nd April.
A huge crowd gathered today to listen to Baba's message and the buzz in every street was that Baba Jaigurudev is coming today. People stood in the shining sunlight to get rid of the obstacles of illness, trouble, ghosts and to receive the blessings of Baba.
Baba Jaigurudev Ji Maharaj told that India is a religious country and people have great faith in religion. You have come this far in pain, so I want to provide some relief. I think you have a lot of curiosity and all kinds of people are present. People are sitting here with many different types of emotions, but in the end I will reduce all the thoughts to zero. You are looking the same as you are wearing glasses.
There are glasses of all colors. But when all the veins of the human being will fade away, the teachings and deeds that man used to respect earlier, brought happiness to people through service, used to be moved by seeing the suffering of others, that love, respect, service and respect, the goal of humanity is no longer visible. Had to. When lust, anger, greed and ego become dominant in a person, he starts telling lies, being dishonest, consuming inedible things which spoils his intellect, and gets involved in misconduct, adultery, bribery and other materialistic activities.
When there was degradation in every way, all women were ours and the faith of mother and daughter was lost. Let me tell you my heart's feelings. I preach Adhyatmabad. I have no opposition to Muslims, I see the spirit of that God in all of them. There is a lot of liquor and meat strike going on, then where is the peace for humans? I preach religion and want to reveal the gem named Ram which is hidden within you to awaken the souls.
But you are the one who is mistaken in Sulfa liquor, the one who wears too much hair, keeps long hair, tells a lot of lies, people consider him to be a Mahatma. Is in this body. His name is not Mahatma. The name of the one who has manifested the eye of knowledge through spiritual practice in this body is Mahatma. Mahatmas like Ram, Krishna, Buddha, Jesus Christ, Mohammed, Kabir, Nakan, Mirabai etc., the sages prophesied, Mahatmas did not have the knowledge of thousands of years ahead. I have just come here. I don't know what would happen if I roam here for a few days.
Mahatma, you have separated all love, kindness and service and started chanting, woe is fish, woe to eggs, woe to liquor, woe to bribery, woe to sabotage, woe to fraud, woe to you. And the peace of the family ends. If there are four such people in the society then the society gets spoiled and when 99 percent of the people in the country become like this then the country gets ruined.
Jai Gurudev
This Matter is taken from the book In the Mirror of the Past
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