स्वामीजी ने आगे कहा कि जो लोग अधिकारियों को काम नहीं करने देते है वो एक भी वोट नहीं पायेंगे । शराब मांस रिश्वत का दौर कब तक चलेगा? करोड़ों लोगों के पेट प्रेस बन जायेंगे और मुख अखबार का काम करेंगे फिर देखते हैं कि जमाना कैसे नहीं बदलता है। मैदान में उपस्थित सारी जनता ने अपने दोनों हाथों को उठाकर अपना समर्थन दिया कि राष्ट्र भाषा हिन्दी और संस्कृत हों जाये गऊ का कटना बंद हो जाय, परिवार नियोंजन बंद हो जांय देश के जिम्मेदार गरीब किसान के बच्चे सिपाही का प्रारंभिक वेतन 300 हो जाय आदि।
स्वामीजी ने विश्वास दिलायां कि भविष्य में सभी चीजें हो जायेंगी। आपने-अपने हाथों को ऊपर उठाया है और ऊपर भगवान रहता है और उसकी विधानसभा भी ऊपर ही हैं उस सभा में आप की आवाज पहुंच चुकी है और आप की भावनाओं को देखते हुए भगवान आपकी प्रार्थना स्वीकार करेगा। आप इतनी दूर से चलकर आये हैं इस संदेश को सुनने के लिए तो आपको लाभ आवश्य होगा। दो आना, चार आना, छह आना, आपकी बीमारी परेशानी खत्म हो जायेगी |
जयगुरूदेव नाम से संकट के समय में दो-चार॑ मिनट तक इस नाम को याद करने से फायदा अवश्य होगा और आपका काम जब हो जाय तभी से मांस, मछली, अण्डा, रिश्वत को छोड़ देना इसमें हर्ज क्या हैं एक बार कि करके ही देख लो। इस जमीन की मिट्टी भी अगर तुम खिला दोगे तो वह भी पूरा-पूरा काम करेगी बीमारी, भूतबाधा, परेशानी या अन्य-अन्य मुसीबतों में । महात्माओं का भभूत है जो अपना चमत्कार अवश्य दिखायेगा।
यह मेरा कोरा उपदेश नहीं है। तुम मेरे पास में आओ तब मालूम पड़ेगा। बड़े-बड़े डाकओं ने रिवाल्वर छोड़ दिया। अपनी-अपनी बंदूको को जमीन में गाड़ दिया। मैं केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं घूमता हूं। राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, बंगाल आदि सभी प्रांतों में जाता हूं और इस संदेश को सुना रहा हूं इसकी बुनियाद में कुछ है।
स्वामीजी ने आगे बतायां कि यदि गृहस्थ जीवन में रहते हुये जो साधना बताता हूं उसे करने लगो तो 15 दिन में यहीं से बैठे-बैठे ही तुम स्वर्ग की रचना को देख सकते हो मरने के बाद स्वर्ग से काई चिट्ठी नहीं आती है कि मैं स्वर्ग में पहुंच गया जो काम होता है वह जिन्दे में ही होता है। हर महात्मा ने जिन्दे में देखा और अपना प्रमाण पुस्तकों के रूप में यहां छोड़ गए।
जय गुरु देव
यह मैटर अतीत के आईने में किताब से लिया गया है
Those who do not allow officials to work will not get a single vote
Swamiji further said that those who do not allow officials to work will not get a single vote. How long will the era of alcohol, meat and bribery continue? The stomachs of crores of people will become press and their mouths will work as newspapers and then we will see how the times do not change. All the people present in the ground raised both their hands and expressed their support that the national language should be Hindi and Sanskrit, cow slaughter should be stopped, family planning should be stopped, the children of poor farmers who are responsible for the country, the initial salary of a soldier should be Rs 300 etc.
Swamiji assured that everything will be done in future. You have raised your hands and God lives above and His assembly is also above. Your voice has reached that assembly and seeing your feelings, God will accept your prayer. You have come so far to hear this message, so it must be beneficial for you. Two annas, four annas, six annas, your illness and problems will end.
In times of crisis, remembering this name Jai Gurudev for two-four minutes will definitely be beneficial and when your work is done, give up meat, fish, eggs, bribes. What is the harm in it? Try it just once. . If you feed the soil of this land, it will also do its full work against illness, evil spirits, troubles or other troubles. There is a ghost of Mahatmas who will definitely show his miracles.
This is not my empty sermon. You will know only when you come to me. Big postmen left their revolvers. They buried their guns in the ground. I don t roam only in Uttar Pradesh. I go to all the states like Rajasthan, Madhya Pradesh, Bihar, Bengal etc. and I am spreading this message. There is something at the foundation of it.
Swamiji further told that if you start doing the sadhna told by me while living a household life, then in 15 days you can see the creation of heaven while sitting here. After death, no letter comes from heaven that I will go to heaven. Whatever work is done is done while alive. Every Mahatma saw it in the living and left his evidence here in the form of books.
Jai Gurudev
This Matter is taken from the book In the Mirror of the Past
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