1) हे मनुष्य , यदि तुम भीतर और बाहर दोनों और उजाला चाहते हो तो मुखरूपी द्वार की जीभरूपी देहलीज पर राम – नामरूपी मणिदीप को रखो !(O man, if you want to be bright both inside and outside, then put Rama – Namely Manideep on the GGP door of the mouth of the mouth.)
2) राम का नाम कल्पतरु ( मनचाहा पदार्थ देने वाला ) और कल्याण का निवास ( मुक्ति का घर ) है , जिसको स्मरण करने से भांग सा ( निकृष्ट ) तुलसीदास भी तुलसी के समान पवित्र हो गया ! (The name of Rama is Kalpataru (the giver of the desired substance) and the abode of Kalyan (the house of liberation), which, upon remembering it, became pure like Tulsidas (hempless) Tulsidas.)
3) सुन्दर वेश देखकर न केवल मुर्ख अपितु चतुर मनुष्य भी धोखा खा जाते है ! सुन्दर मोर को ही देख लो उसका वचन तो अमृत के समान है लेकिन आहार सांप का है ! (Seeing beautiful disguises, not only fools but smart people also get cheated! Look at the beautiful peacock, its word is like nectar but the food is of snake.)
4) शूरवीर तो युद्ध में शुरवीरता का कार्य करते है , कहकर अपने को नहीं जनाते ! शत्रु को युद्ध में उपस्थित पाकर कायर ही अपने प्रताप की डींग मारा करते है ! (The knights do the work of starting the war, do not kill themselves by saying! Cowards brag about their majesty by finding the enemy present in battle.)
5) स्वाभाविक ही हित चाहने वाले गुरु और स्वामी की सीख को जो सिर चढ़ाकर नहीं मानता , वह ह्रदय में खूब पछताता है और उसके हित की हानी अवश्य होती है ! (The one who does not accept the teachings of the master and master who wants a natural interest, he regrets in the heart a lot and his interest is definitely lost.)
6) मुखिया मुख के समान होना चाहिए जो खाने – पिने को तो अकेला है , लेकिन विवेकपूर्वक सब अंगो का पालन – पोषण करता है ! (The head should be like a mouth that is alone in eating and drinking, but prudently nurtures all the organs.)
7) मंत्री , वैध और गुरु – ये तीन यदि भय या लाभ की आशा से प्रिय बोलते है तो राज्य , शरीर एवं धर्म – इन तीनो का नाश शीघ्र ही हो जाता है ! (Ministers, legalists and gurus – if these three speak dearly with fear or hope of profit, then the state, body and religion – all three are destroyed soon.)
8) मीठे वचन सब और सुख फैलाते है ! किसी को भी वश में करने का ये एक मंत्र होते है , इसलिए मानव को चाहिए कि कठोर वचन छोड़कर मीठा बोलने का प्रयास करे ! (Sweet words spread all and happiness! It is a mantra to subdue anyone, so a human should leave the harsh words and try to speak sweet.)
9) जो मनुष्य अपने अहित का अनुमान करके शरण में आये हुए का त्याग कर देते है वे क्षुद्र और पापमय होते है ! दरअसल उनका तो दर्शन भी उचित नहीं होता ! (Those who estimate their harm and abandon those who come to the shelter, are petty and sinful! Actually, his philosophy is also not right.)
10) मनुष्य को दया कभी नहीं छोडनी चाहिए क्योंकि दया ही धर्म का मूल है और इसके विपरीत अहंकार सब पापो की जड़ होता है ! (Man should never give up mercy because mercy is the root of religion and on the contrary, ego is the root of all sins.)
11) जिस जगह आपके जाने से लोग प्रसन्न नहीं होते , जहाँ लोगो की आँखों में आपके लिए प्रेम या स्नेह ना हो , वहां हमें कभी नहीं जाना चाहिए , चाहे वहा धन की बारिश ही क्यों न हो रही हो ! (We should never go to a place where people are not happy, where people do not have love or affection for you, even when there is a rain of money.)
12) किसी विपति या किसी बड़ी परेशानी के समय आपको ये सात गुण बचायेंगे – आपका ज्ञान या शिक्षा , आपकी विनम्रता , आपकी बुद्धि , आपके भीतर का साहस , आपके अच्छे कर्म , सच बोलने की आदत और ईश्वर में विश्वास ! (These seven qualities will save you in times of adversity or any big problem – your knowledge or education, your humility, your intelligence, your inner courage, your good deeds, your habit of speaking the truth and faith in God.)
13) समय बड़ा बलवान होता है , वो समय ही है जो व्यक्ति को छोटा या बड़ा बनाता है ! जैसे एक बार जब महान धनुर्धर अर्जुन का समय ख़राब हुआ तो वह भीलो के हमले से गोपियों की रक्षा नहीं कर पाए ! (Time is very strong, it is time that makes a person small or big! Like once when the time of great archer Arjun was bad, he could not protect the gopis from the attack of Bhilo.)
14) ईश्वर पर भरोसा करिय और बिना किसी भय के चेन की नींद सोइए ! कोई अनहोनी नहीं होने वाली है और यदि कुछ अनिष्ट होना ही है तो वो हो के ही रहेगा , इसलिए व्यर्थ की चिंता छोड़ अपना काम करिए ! (Trust God and sleep without chains without fear! No untoward is going to happen, and if something is to happen, it will remain, so leave your worries and do your work.)
15) जब तक व्यक्ति के मन में काम , गुस्सा , अहंकर और लालच भरे हुए होते है तब तक एक ज्ञानी और मुर्ख व्यक्ति में कोई भेद नहीं रहता , दोनों एक जैसे ही हो जाते है ! (As long as a person is filled with work, anger, egotism and greed, there is no difference between a knowledgeable and foolish person, both become the same.)
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