गुरु नानक देव जी महाराज के बारे में
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सिख धर्म संस्थापक और सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी की जयंती हर साल कार्तिक माह के पूर्णिमा तिथि को प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती हैं. और यह दिन यानी यह पर्व सिखों के लिए बहुत ही महत्व रखता हैं. गुरु नानक देव जी बचपन से ही परमात्मा के खोज में थे. माना जाता हैं कि, बालपन में उनके दोस्त खेल-कूद में व्यस्त रहते थे, तो वहीँ गुरु नानक एकांत में आध्यात्मिक चिंतन और सत्संग में व्यस्त रहते थे. गुरु नानक देव जी कहते हैं।
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ईश्वर एक है, वह सभ जगहों पर मौजूद रहते हैं. हमें सभों के साथ प्रेम भाव से रहना चाहिए क्योंकि वहीँ हम सबका पिता हैं. गुरु नानक देव ने अपनी पूरी जिंदगी लोगों के हित के लिए कुर्बान कर दी. उनके द्वारा दी गई सिख हरेक के लिए बहुत ही प्रेरणादायक हैं. आज भी लोग उनकी दी गई सीख को मन में रख कर सफल जीवन जीते हैं।
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About Guru Nanak Dev Ji Maharaj
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The birth anniversary of Guru Nanak Dev Ji, the founder of Sikhism and the first Guru of the Sikhs, is celebrated as Prakash Parv every year on the full moon day of Kartik month. And this day i.e. this festival has great importance for the Sikhs. Guru Nanak Dev Ji was in search of God since childhood. It is believed that, in his childhood, his friends were busy in sports, while Guru Nanak remained busy in spiritual contemplation and satsang in solitude. Guru Nanak Dev Ji says.
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God is one, He is present everywhere. We should live with everyone with love because he is the father of all of us. Guru Nanak Dev sacrificed his entire life for the welfare of the people. The teachings given by him are very inspiring for everyone. Even today people live successful lives by keeping the lessons given by him in mind.
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