जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

हमारे प्यारे पाहुना जयगुरुदेव आये। द्वार द्वार पर चौक पुराये, मंगल कलश धराये।

Hamare Pyare Pahuna JaiGuruDev Aaye Dwar Dwar Par Chok Puraye Mangal Kalash Dharaye

हमारे प्यारे पाहुना जयगुरुदेव आये।
द्वार द्वार पर चौक पुराये, मंगल कलश धराये।।

लखी लखी शोभा भवन नगर, इन्द्रादिक देव लजाये।
भरी भरी थार पुष्प माला से, आरति दीप सजाये।।

चन्दन पलंग जड़ित मन मानिक, रेशम डोर लगाये।
श्रेत कमल का सुखद बिछावन जयगुरुदेव बिठाये।।

होने लगी आरती गुरू संग मन बुध्दि चित थिर पाये।
यह शोभा मोहिं मिलि भाग से देखत मन हर्षाये।।

छप्पन भोग सकल मन संगी, भरि भरि थार सजाये ।
जयगुरुदेव सबै खा डाले नहिं परसाद बचाये।।

शील क्षमा सन्तोष विरह सखियां मिलि गारी गाये।
जयगुरुदेव आज सखि अपनी राधा व्याहन आये।।

सेवा भाव भक्ति जल लेकर चरणामृत बटवाये।
पियत पियत सतसंगियन के जन मन के पाप नसाये ।।

परमानन्द बरसने लागा सुधि बुधि सभी भुलाये।
सतगुरु सूर खिले घर घर में सो सुख केहि मुख गाये।।