जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

गुरू की मुरत मन में ध्याना । गुरू के शब्द मन्तर मन माना

guroo kee murat man mein dhyaana guroo ke shabd mantar man mana

गुरू की मुरत मन में ध्याना । गुरू के शब्द मन्तर मन माना ।।

गुरू के चरण हृदय लै धारो । गुरू परब्रह्म सदा नमस्कारो ।।

मत कोई भरम भूलो संसारी । गुरू बिन कोई न उतरति पारी ।।

भूले को गुरू मारग पाया । अवर तियाग हरि भक्ति लाया ।।

जन्म मरण की त्रास मिटाई । गुरू पूरे की बे-अन्त बड़ाई ।।

जिन्ह पाया तिन्ह गुरू ते जाना । गुरू कृपा ते मुगध मन माना ।।

गुरू प्रसादि उर्ध कमल बिगाशे । अन्धकार में भया प्रकाशै ।।

गुरू करता गुरू करने योगः । गुरू परमेश्वर है भी होगः ।।

कहे नानक प्रभू एहो जनाई । गुरू बिन मक्ति न पाइये भाई ।।