जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

गुरु मोहि अपना रूप दिखाओ

guru mohi apana roop dikhao

गुरु मोहि अपना रूप दिखाओ..२

यह तो रूप धरा तुम सर्गुण, जीव उबार कराओ।

रूप तुम्हारा अगम अपारा, सोई अब दरसाओ।

देखूं रूप मगन होय बैठूं, अभय दान दिलवाओ।

यह भी रूप पियारा मोको, इसही से उसको समझाओ।

बिन इस रूप काज नही होई, क्यों कर वाही लखाओ।

ताते महिमा भारी इसकी, पर वह भी लखवाओ।

वह तो रूप सदा तुम धारो, या ते जीव जगाओ।

यह भी भेद सुना मै तुमसे, सुरत शब्द मारग नित गाओ।

शब्द रूप जो रूप तुम्हारा, वा मे अब भी सुरत पठाओ।

डरता रहूँ मौत और दुःख से, निर्भय कर अब मोहि छुड़ाओ।

गुरु मोहि अपना रूप दिखाओ..