गुरुदेव दया इतनी कर दो,
हम को भी तुम्हारा प्यार मिले।
कुछ और भले ही मिले न मिले,
गुरु दर्शन का अधिकार मिले।।
इस जीवन में जीना मुश्किल,
यह जीवन भी क्या जीवन है।
जीवन तब जीवन बनता है,
जब जीवन का आधार मिले।।
इस मारग पर चलते चलते,
सदियां ही नही युग बीत गए।
मिल जाये पथिक मारग असली,
हमको मुक्ति दातार मिले।।
कुछ और भले ही मिले न मिले,
गुरु दर्शन का अधिकार मिले।।
हम जनम जनम के प्यासे हैं,
गुरु तुम करुणा के सागर हो।
करुणा निधि के करुणा रस की,
इक बूंद हमे इस बार मिले।।
कुछ और भले ही मिले न मिले,
गुरु दर्शन का अधिकार मिले।।
सब कुछ पाया इस जीवन में,
बस एक तमन्ना बाकी है।
हर प्रेम पुजारी को अपने,
मन मन्दिर में दातार मिले।।
कब से गुरु दर्शन पाने को,
हम आस लगाये बैठे हैं।
पल दो पल भीतर आने की,
अनुमति अनुपम सरकार मिले।।
कुछ और भले ही मिले न मिले,
गुरु दर्शन का अधिकार मिले।।
जिसने जो कुछ तुमसे माँगा,
उसने है वही तुमसे पाया।
दुनिया को मिले दुनिया लेकिन,
हमको तो तेरा दरबार मिले।।
कुछ और भले ही मिले न मिले,
गुरु दर्शन का अधिकार मिले।।
|