जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

गुरु भवसागर तर जाऊं कि नैया मेरी पार करो

guru bhavasagar tar jaon ki naiya mere paar karo

गुरु भवसागर तर जाऊं कि नैया मेरी पार करो

मेरे बस में है मन नहीं आता,
तेरी भक्ति में विघ्न मचाता।
ऐसा कर दो जतन जिससे हो न पतन,
मैं सो न जाऊं। नैया मेरी पार करो||

जब मैं बैठूं भजन ध्यान करने
लगती बहुत गुनावन उठने।
अन्तर कर दो सफाई आँख कान खुल जाई।
मैं आनंद पाऊं। नैया मेरी पार करो||

मेरी कर दो गुरु ऐसी बुद्धि
जिससे होती रहे मेरी शुद्धि।
पापों से मैं बचूं नाम तेरा जपूँ।
तुम्हें निहारूँ। नैया मेरी पार करो||

पांच दुश्मन का मैं हूं सताया,
इनका तुम ही करोगे सफाया।।
स्वामी इनसे बचाओ, मुझको मुक्ति दिलाओ।
मैं निज घर पाऊं। नैया मेरी पार करो||

अपने चरणों में रखना लगाए,
आप ही मेरे और सब पराये।
राह के रोड़े हटा दो, भाव भक्ति बना दो।
मैं कुछ न जानूं। नैया मेरी पार करो||

स्वामी दे दो मुझे इतनी शक्ति,
जिससे होती रहे गुरु भक्ति।
आज्ञा सिर धरूं, तेरे रंग में रंगू
गीत गाऊं। नैया मेरी पार करो||