जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

पिला दो घूँट अमृत, तुम अपने चरण का

pila do ghoont amrt, tum apane charan ka

पिला दो घूँट अमृत, तुम अपने चरण का

हमेँ फूल बना लो तुम, मालिक अपने गुलशन का !

भटका हुआ प्राणी हूँ, न जाने कितने जन्म का !!

जगत लगता है विराना, काल काटने को दौङे !

मुझसे बोझ नहीँ ढूलता, मेरे पीछले करम का !!

भक्ति प्रेम विरह का बरसात कर दो मालिक !

मिटा दो मेरे किस्मत से यह जन्म-मरन का !!

थक चुका हूँ मैँ गुरुवर, अपनी बोझिल जिँदगी से !

पिला दो घूँट अमृत, तुम अपने चरण का !!