परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी
भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें
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एक मेरे मालिक दूसरा ना कोई, एक मेरे सतगुरु दूसरा ना कोई।।
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Ek Mere Malik Dusra Na Koi Ek Mere Satguru Dusra Na Koi
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जयगुरुदेव
एक मेरे मालिक दूसरा ना कोई।
एक मेरे सतगुरु दूसरा ना कोई।।
अंखियों के बीच मैंने अमर बेल बोई,
अब तो चर्चा फैलेगी, क्या करेगा कोई।।
एक मेरे मालिक दूसरा ना कोई।
एक मेरे सतगुरु दूसरा ना कोई।।
शाला दुशाला मैने बहु तेरे ओड़े,
अब तो ओड ली है मैने सतगुरु की लोई।।
एक मेरे सतगुरु दूसरा ना कोई।
एक मेरे मालिक दूसरा ना कोई।।
माटी की मटकिया मैने दही से मिलोई।
माखन तो काड़ लिया छाछ ले गए कोई।।
एक मेरे मालिक दूसरा ना कोई।।
एक मेरे सतगुरु दूसरा ना कोई।।
सुन्दर सी काया मेरे सतगुरु ने बनाई।
सुरत को तो सतगुरु ले गए, लाश ले गए कोई।।
एक मेरे मालिक दूसरा ना कोई संदेश।
एक मेरे सतगुरु दूसरा ना कोई।।
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