जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

हे सतगुरु तुम्हें छोड़ है कौन मेरे, फिर क्यों देखते हो उधर दृष्टि फेरे।।

He Satguru Tumhe Chod Hai Kon Mere Phir Kyo Dekhte Ho Edhar Dristi Fere

हे सतगुरु तुम्हें छोड़ है कौन मेरे,
फिर क्यों देखते हो उधर दृष्टि फेरे।।

यह माना कि मैं हूं गुनहगार भूला,
मगर आ पड़ा अब शरण में मैं तेरे।।

तुम अशरण शरण हो दयालु कहाओ,
इसी से शरण तेरी आया सवेरे।।

बहुत काल माया ने चक्कर खिलाया,
अब आ गिर पढ़ा हूं शरण में मैं तेरे ।।

इधर तो नजर कर मेरी हाल देखो,
मुझे चोर पकड़े हैं यह पांच घेरे।।

ये मन मेरा साथी दगा दे रहा है,
इसी से ना आया कभी पास तेरे।।

गुनाहों को कर दो माफ मेरे सतगुरु,
उठा लो मुझे अब नहीं कोई मेरे ।।