जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

कर ले निज काज जवानी में, इस दो दिन की जिन्दगानी में।

Kar Le Nij Kaj Javani Me Es Do Din Ki Jindgani Me

कर ले निज काज जवानी में, इस दो दिन की जिन्दगानी में।

मेहमान जवानी जाती है, फिर लौट कभी नहीं आती है।

हे मूढ़ इसे मत खो देना, तू किस्से और कहानी में। कर ले..

सौभाग्य यह नर तन पाई है ,बड़े भाग जवानी आई है।

भगवान इसी में मिलते हैं ,क्यों ढूंढे पत्थर पानी में।

तू इससे खोज गुरु की कर ,मिल जायें तो न किसी से डर।

गुरु ही सब कुछ के दाता हैं ,सुन ले क्या कहते बानी में।

क्यों इसको पाकर फूल रहा निज कर्तव्यों को भूल रहा।

इन भोगों से मुख मोड़ देख, फिर फर्क मूर्ख क्या ज्ञानी में।

ज्ञानी ईश्वर का प्यारा है, सेवक गुरु भक्त दुलारा है।

जो गुरु कहते हैं मान उसे, कर भक्ति इस मर्दानी में।