जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

कब तक रहोगे रूठे, बिनती सुनो हमारी

Kab Tak Rahoge Ruthe Vinti Suno Hamare

कब तक रहोगे रूठे, बिनती सुनो हमारी,

कुछ तो हमें बता दो, क्या भूल है हमारी।

सब लोक लाज छोड़ा, एक गुरु से नाता जोड़ा,

मुख मोड़ आप बैठे, बिगड़ी दशा हमारी।

पापी हृदय पिघल कर, आंखों से निकल आया,

इन आंसुओं की माला, लो भेंट है तुम्हारी।

पतितों को तारते हो, पापों की क्षमा करके,

क्यों हो तू गुरुवर रूठे, आयी हमारी बारी।

मैं भिक्षु हूॅ तुम्हारा, दाता हो स्वामी मेरे,

खाली न मुझको भेजो, होगी हंसी तुम्हारी।

मेहर की नजर करो मेरी ओर, दया की नजर करो मेरी ओर।

निशि दिन तुम्हें निहारूं सतगुरु, जैसे चन्द्र चकोर।

जानू न कौन भूल हुई तन से, लियो हमसे मुख मोड़।

बालक जानि चूक बिसराओ, आया शरण अब मैं तोर।

सदा दयालु स्वभाव तुम्हारा, मोरि बेरिया कस भयो कठोर।

शरणागत की लाज न राखो, मोसो पतित अब जाये केहि ओर।

अबकी बार उबार लेव जो, फिर न धरब पग यहि मगु ओर।
 
कब तक रहोगे रूठे, बिनती सुनो हमारी (Kab Tak Rahoge Ruthe Vinti Suno Hamare)