अँधेरी दुनिया.. भजन बिना कैसे तरिहे।
अनाड़ी दुनिया.... भजन बिना कैसे तरिहे।।
माटी का एक नाग बनाकर,
पुजे लोग लुगाई।
जिंदा नाग जब घर में निकले,
ले लाठी धमकाई रे।...
अँधेरी दुनिया... भजन बिना कैसे तरिहे।।
जीते बाप को रोटी न देवे,
मुरदे को ये खिलवाये।
मुठ्ठीभर चावल देकर,
कौवे को बाप बनावे रे।...
अँधेरी दुनिया... भजन बिना कैसे तरिहे।।
सवाशेर कीे रोटी बनावे,
वो देवी को दिखलावे।
वा देवी कछू खावे न पीवे,
पुजारी आपही खावे रे।।...
अँधेरी दुनिया... भजन बिना कैसे तरिहे।।
पहाड़ फोड़ के पत्थर लावे,
वाकी मूरत बनावे।
वो मूरत कछू बोल न पाँवे,
पुजारी आँख फसावे रे।।...
अँधेरी दुनिया... भजन बिना कैसे तरिहे।।
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
भजन बिना कैसे तरीयो रे।
अंधेरी दुनिया भजन बिना कैसे तरीहो।।
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