जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

सतसंग की गंगा बहती है गुरुदेव तुम्हारे चरणों में

Satsang Ki Ganga Bahte Hai Gurudev Thumhare Charno Me

सतसंग की गंगा बहती है,

गुरुदेव तुम्हारे चरणों में ।

फल मिलता है उस तीरथ का,

कल्याण तुम्हारे चरणों में ।। 1 ।।

मैं जनम जनम तक भरमा हूँ

तब शरण आपकी आया हूँ ।

इन भूले भटके जीवों का

कल्याण तुम्हारे चरणों में ।। 2 ।।

दुखियों का दुख मिटाते हो,

फिर दिव्य दृष्टि परखाते हो ।

सब आवागमन मिटाते हो,

है मोक्ष तुम्हारे चरणों में ।। 3 ।।

एक बार जो दर्शन पाता हूं,

बस आपका ही हो जाता हूँ

क्या गुप्त तुम्हारी प्रीति है,

हैं धन्य तुम्हारे चरणों में ।। 4 ।।

मैं जनम का भूला शरण पड़ा,

तब आय के तुम्हरे द्वारे खड़ा ।

काटो जन्ममरण बंन्धन मेरा,

निर्मल तुम्हारे चरणों में ।। 5 ।।
 
सतसंग की गंगा बहती है गुरुदेव तुम्हारे चरणों में (Satsang Ki Ganga Bahte Hai Gurudev Thumhare Charno Me)