जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

शरणागत हैं हम दीन हैं, प्रभु आये द्वार तुम्हारे

Sharnagat Hai Hum Den Hai Prabhu Aaye Dwar Thumhare

शरणागत हैं हम दीन हैं, प्रभु आये द्वार तुम्हारे ।

हम ऐसे वैसे जैसे भी हैं, बालक नाथ तुम्हारे ।। 1 ।।

गुणधारी हो गुणहीन हैं हम, प्रभु तू अन्तर्यामी ।

अनजान हैं हम पल की न जानें, तूँ घट घट की जानी ।

हाथ पकड़ि प्रभु राह दिखाओ, हम राही पर हारे ।। 2 ।।

स्वांस स्वांस हम भूल करें, प्रभु पल पल गिरते जाऊं ।

एक पग आगे दो पग पीछे, तुम तक कैसे मैं आऊं ।

गिरते का प्रभु कौन सहाई, तुम बिन कौन सम्हारे ।। 3 ।।

चरनन लगे प्रेम की डोरी, नाम के बल जो बुलाये ।

भक्तन के भगवान कन्हैया, दास बने हरि आये ।

ज्ञान, मान, बुद्धि, बल नहीं मागू, मांगू दरस तिहारे ।। 4 ।।

शरणागत हैं हम दीन हैं, प्रभु आये द्वार तुम्हारे ।